शोभना शर्मा। रमजान के पवित्र महीने का आगाज हो गया है। शनिवार को मगरिब की नमाज के बाद चांद दिखने की पुष्टि हुई, जिससे पूरे मुस्लिम समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई। जयपुर शहर मुफ्ती जाकिर नोमानी, सेंट्रल हिलाल कमेटी राजस्थान के कन्वीनर और चीफ काजी खालीद उस्मानी ने आधिकारिक रूप से चांद दिखने की घोषणा की। साथ ही, जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती सैय्यद अमजद अली ने भी चांद की गवाही दी। चांद दिखने के साथ ही रमजान के मुबारक महीने की शुरुआत हो गई और पहला रोजा रविवार से रखा जाएगा।
मुस्लिम समुदाय के लोगों में रमजान की शुरुआत को लेकर खास उत्साह देखने को मिला। मस्जिदों में रौनक बढ़ गई और बाजारों में सेहरी व इफ्तार की तैयारियों के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोग खजूर, फल, शर्बत और अन्य जरूरी सामानों की खरीदारी में जुट गए।
रमजान के पहले रोजे का समय 13 घंटे 8 मिनट का रहेगा। सेहरी का समय सुबह 5:23 बजे तक रहेगा, जबकि शाम को 6:31 बजे इफ्तार किया जाएगा। पूरे महीने मुसलमान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना कुछ खाए-पिए रोजा रखेंगे और इबादत करेंगे। इस दौरान हर रोज रात को ईशा की नमाज के बाद तरावीह की नमाज भी अदा की जाएगी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मस्जिदों में शामिल होंगे।
रमजान का महीना इबादत और नेक कार्यों के लिए खास माना जाता है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के आर्थिक रूप से सक्षम लोग अपनी कुल कमाई का ढाई प्रतिशत “ज़कात” निकालते हैं, जिसे गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए दिया जाता है। जकात के अलावा, इस महीने में दान-पुण्य करने और जरूरतमंदों की मदद करने का महत्व बताया गया है।
रमजान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं, बल्कि यह आत्मशुद्धि और संयम का महीना है। इस दौरान लोग बुरी आदतों से दूर रहते हैं, झूठ और गुस्से से बचते हैं और अल्लाह की इबादत में वक्त बिताते हैं। मस्जिदों में कुरान की तिलावत और नमाज का विशेष आयोजन किया जाता है, जिससे पूरे माह एक आध्यात्मिक माहौल बना रहता है। रमजान का पहला जुम्मा खास माना जाता है और इस दिन विशेष नमाज अदा की जाती है। पूरे महीने तक मुस्लिम समुदाय के लोग खुदा की इबादत में मशगूल रहेंगे और रोजे रखकर खुदा का शुक्र अदा करेंगे।