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बाघिन ऐरोहेड की मौत की खबर झूठी, तीन शावकों के साथ सकुशल मिली

बाघिन ऐरोहेड की मौत की खबर झूठी, तीन शावकों के साथ सकुशल मिली

शोभना शर्मा। पिछले कुछ दिनों से रणथंभौर टाइगर रिजर्व की प्रसिद्ध बाघिन ऐरोहेड की मौत की खबरें सोशल मीडिया और कुछ मीडिया चैनलों पर चल रही थीं, जिससे वन्यजीव प्रेमियों के बीच चिंता का माहौल बन गया था। इन खबरों के अनुसार, बाघिन ऐरोहेड, जिसे “टी-84” के नाम से भी जाना जाता है, के अचानक मौत की अफवाह फैल गई थी। हालांकि, वन विभाग द्वारा इस पर कोई पुष्टि नहीं की गई थी। लोगों ने ऐरोहेड को श्रद्धांजलि देना भी शुरू कर दिया था, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इसका खंडन किया और बताया कि ये अफवाहें गलत हैं।

आज की सुबह वन विभाग की टीम रणथंभौर के जंगल में नियमित गश्त पर थी, जब उन्होंने बाघिन ऐरोहेड को देखा। ऐरोहेड के साथ उसके तीनों शावक भी थे। वनकर्मियों ने इस दौरान वीडियो बनाया और इसे उच्च अधिकारियों को भेजा। वीडियो को देखने के बाद वन विभाग ने पुष्टि की कि बाघिन ऐरोहेड और उसके तीनों शावक सुरक्षित और स्वस्थ हैं। इसके बाद वन विभाग ने इस वीडियो को सार्वजनिक कर दिया, जिससे ऐरोहेड की मौत की अफवाह पर विराम लग गया है।

बाघिन ऐरोहेड और शावकों के साथ का वीडियो बना चर्चा का विषय

अधिकारियों के अनुसार, ऐरोहेड अपने तीन शावकों के साथ जंगल में सुरक्षित तरीके से विचरण कर रही है। यह खबर सुनते ही वन्यजीव प्रेमियों के बीच राहत का माहौल बना। यह बाघिन की उम्र लगभग 10 साल है, और पिछले जुलाई में ही यह मां बनी थी। 25 जुलाई 2023 को पहली बार उसने अपने तीन शावकों को सार्वजनिक रूप से दिखाया था।

ऐरोहेड के ये शावक अभी ट्रेनिंग की प्रक्रिया में हैं और यह बाघिन उन्हें जंगल में स्वयं शिकार करना और अन्य आवश्यक जीवन कौशल सिखा रही है। बाघिन टी-84 ऐरोहेड ने अब तक चार बार में 10 शावकों को जन्म दिया है, जो रणथंभौर की बाघ संरक्षण कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रणथंभौर के जंगलों में ऐरोहेड का सुरक्षित होना वन्यजीव संरक्षण के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

ऐरोहेड की इस झूठी खबर ने जहां वन्यजीव प्रेमियों के बीच हलचल मचा दी थी, वहीं अब उसके सुरक्षित होने की पुष्टि से सभी में उत्साह है। वन्यजीव प्रेमियों ने इसे राहतभरी खबर मानकर खुशी जाहिर की है। ऐरोहेड की सुरक्षित वापसी रणथंभौर के संरक्षण प्रयासों की सफलता को भी दर्शाती है।

बाघिन ऐरोहेड रणथंभौर की एक प्रसिद्ध बाघिन है, जिसे “टी-84” नाम से भी पहचाना जाता है। ऐरोहेड अब तक रणथंभौर के बाघों की संरक्षण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। उसकी लोकप्रियता का कारण उसकी संतानों की संख्या और उनकी सुरक्षा है। बाघिन ऐरोहेड का जीवित होना न केवल जंगल के संतुलन को बनाए रखता है, बल्कि पर्यटन के दृष्टिकोण से भी रणथंभौर के लिए महत्वपूर्ण है।

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