शोभना शर्मा। राजस्थान के बाड़मेर जिले में सूअरों के आतंक से परेशान जनता के लिए कलेक्टर और IAS अधिकारी टीना डाबी ने सूअरों की नीलामी करवाने का फैसला किया है। जिले के कई हिस्सों में सूअर न केवल किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि कई बार इंसानों पर भी हमला कर चुके हैं। बाड़मेर जिला परिषद की हालिया बैठक में यह मुद्दा गरमाया, जहां इसे लेकर गंभीर चर्चा हुई और अंततः कलेक्टर टीना डाबी ने इसका समाधान प्रस्तुत किया।
जिला परिषद की बैठक में सूअरों का मुद्दा
बाड़मेर जिला परिषद की बैठक में सूअरों के आतंक को लेकर प्रधान शम्मा खान ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि चैहटन और सेड़वा सहित जिले के कई क्षेत्रों में सूअरों ने किसानों की फसलों को नष्ट किया है। इतना ही नहीं, सूअर कई बार बच्चों और बुजुर्गों पर हमला कर चुके हैं, जिससे लोगों में डर और नाराजगी बढ़ रही है। किसानों ने सूअरों की बढ़ती संख्या से फसलों को हो रहे नुकसान के बारे में भी चिंता जताई।
डीएफओ का तंज, बैठक में हंसी का माहौल
प्रधान शम्मा खान के सवाल का जवाब देते हुए जिला वन अधिकारी (DFO) सविता दहिया ने मजाकिया अंदाज में कहा कि “हम इन सूअरों को पकड़ कर पाकिस्तान छोड़ सकते हैं और क्या कर सकते हैं?” इस बयान पर बैठक में मौजूद लोग हंसने लगे। हालांकि, बाद में कलेक्टर टीना डाबी ने मामले को गंभीरता से लिया और इसे लेकर एक ठोस समाधान की बात की।
सूअरों की नीलामी का फैसला
कलेक्टर टीना डाबी ने बैठक के दौरान सूअरों के आतंक को एक गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा काफी समय से उठ रहा है और अब इसे हल करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “हम ब्लॉक वाइज सूअरों की नीलामी करवाएंगे। इसके लिए अखबारों में नोटिस दिया जाएगा। यदि किसी के पालतू सूअर हैं, तो वे उन्हें वापस ले सकते हैं। अन्यथा, नीलामी प्रक्रिया के जरिए सूअरों का प्रबंधन किया जाएगा।”
कैसे होगी नीलामी?
टीना डाबी ने बताया कि सूअरों की नीलामी के लिए अखबारों में विज्ञापन दिया जाएगा, जिसमें लोगों को सूचना दी जाएगी कि वे अपने पालतू सूअरों को वापस ले जाएं। यदि ऐसा नहीं होता है, तो प्रशासन सूअरों को पकड़कर उनकी नीलामी करवाएगा। नीलामी की प्रक्रिया विकास अधिकारियों के माध्यम से संचालित होगी।
सूअरों के आतंक से निपटने की तैयारी
इस फैसले से यह साफ है कि बाड़मेर प्रशासन सूअरों के बढ़ते आतंक से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। नीलामी के जरिए इन आवारा सूअरों को नियंत्रित करने की योजना बनाई गई है, जिससे किसानों और स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि नीलामी की प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारु रूप से हो, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
किसानों और जनता को मिलेगी राहत
सुअरों के आतंक से न केवल किसानों को नुकसान हो रहा है, बल्कि कई बार इंसानों की जान भी खतरे में पड़ चुकी है। ऐसे में कलेक्टर टीना डाबी द्वारा सुझाया गया नीलामी का यह उपाय निश्चित रूप से एक कारगर कदम साबित हो सकता है। नीलामी के बाद सूअरों की संख्या में कमी आएगी, जिससे फसलों की सुरक्षा और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।