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राजस्थान में होगा ऑयल और गैस भंडारों का नए सिरे से अध्ययन

राजस्थान में होगा ऑयल और गैस भंडारों का नए सिरे से अध्ययन

मनीषा शर्मा। राजस्थान में ऑयल और गैस भंडारों के एक्सप्लोरेशन और दोहन के क्षेत्र में एक नई पहल की जा रही है। माइंस एवं पेट्रोलियम सचिव आनन्दी ने मंगलवार को खनिज भवन में पेट्रोलियम विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान घोषणा की कि प्रदेश में ऑयल और गैस भंडारों की संभावनाओं का नए सिरे से अध्ययन करवाया जाएगा। इसका उद्देश्य डिसकवर्ड स्मॉल फील्ड्स (डीएसएफ) के तहत प्रदेश में उपलब्ध ऑयल और गैस के एक्सप्लोरेशन और दोहन क्षेत्र को और अधिक विस्तारित करना है।

नवीनतम तकनीक का उपयोग और प्लेयर्स को प्रोत्साहन

सचिव आनन्दी ने बताया कि प्रदेश में ऑयल और गैस के नए क्षेत्रों की पहचान और दोहन के लिए देश और दुनिया में पेट्रोलियम और गैस क्षेत्र के एक्सप्लोरेशन की नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए, इस क्षेत्र में कार्य कर रहे प्लेयर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे उन्नत तकनीकों का उपयोग कर सकें। इससे प्रदेश में ऑयल और गैस के नए क्षेत्रों की पहचान की जा सकेगी, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।

केंद्र सरकार के एनडीआर से मिलेगा डाटा

आनन्दी ने कहा कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय डाटा रिपॉजिटरी (एनडीआर) से डाटा प्राप्त कर उपलब्ध ऑयल और गैस भंडारों का दोहन किया जाएगा। इसके माध्यम से नए क्षेत्र चिन्हित किए जाएंगे, जिससे प्रदेश के पेट्रोलियम और गैस सेक्टर में गति, निवेश, रेवेन्यू, और रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकेंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जैसलमेर में लग रहे सीमेंट प्लांटों में वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में प्राकृतिक गैस की मांग और उसकी आपूर्ति का रोडमैप तैयार किया जाए। इससे सीमेंट सेक्टर को सस्ती ग्रीन एनर्जी उपलब्ध हो सकेगी, और प्रदेश में प्राकृतिक गैस का उत्पादन और उसका उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।

प्रदेश में ऑयल और गैस उत्पादन की वर्तमान स्थिति

आनन्दी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 13 माइनिंग लीज (पीएमएल) और 14 पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लीज (पीईएल) जारी हैं। देश में कुल उत्पादित क्रूड ऑयल का 14.95 प्रतिशत क्रूड ऑयल राजस्थान में उत्पादित हो रहा है। इसके अलावा, राज्य में प्रतिदिन औसतन 3.3 से 3.4 मिलियन मेट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन किया जा रहा है।

राजस्व और उत्पादन में राजस्थान की भूमिका

निदेशक माइंस एवं पेट्रोलियम, भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य में पेट्रोलियम सेक्टर से अप्रैल 2024 से अगस्त 2024 तक 1,271 करोड़ 70 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम, अजय शर्मा ने बताया कि क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस के लैंड प्रोडक्शन में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है।

इस समीक्षा बैठक में एसजी सुनील वर्मा, उपनिदेशक रोहित मल्लाह और मोहन कुमावत भी उपस्थित रहे। इस बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि राजस्थान में ऑयल और गैस भंडारों के एक्सप्लोरेशन और दोहन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास होने जा रहा है। इसके जरिए न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

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