मनीषा शर्मा। राजस्थान में शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने 19 साल बाद राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड की परीक्षाओं में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। अब 10वीं और 12वीं की ओपन बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार के बजाय हर महीने आयोजित की जाएंगी। इस नए कदम के साथ राजस्थान देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां स्टूडेंट्स के लिए ऑन डिमांड परीक्षा की व्यवस्था होगी।
शिक्षा विभाग के बदलाव की घोषण
मंगलवार को स्टेट ओपन बोर्ड के 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम जारी करने के दौरान शिक्षा निदेशालय ने इस बदलाव के संकेत दिए। शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने बताया कि इस नई व्यवस्था में अगर किसी कक्षा में 10 या उससे अधिक छात्र परीक्षा देने को तैयार होते हैं, तो बोर्ड उनके लिए परीक्षा आयोजित करेगा। यह कदम उन छात्रों के लिए विशेष रूप से मददगार होगा जो किसी कारणवश पिछली परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सके थे या जिन्हें किसी विशेष परीक्षा में उत्तीर्ण होने की आवश्यकता है।
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल का इतिहास
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की शुरुआत 2005 में की गई थी। अब, 19 साल बाद, सरकार इस पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने जा रही है। नई व्यवस्था लागू करने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। अब तक, परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती थी – पहली मार्च से मई के बीच और दूसरी अक्टूबर से नवंबर के बीच। लेकिन अब छात्र किसी भी महीने परीक्षा देने का विकल्प चुन सकेंगे।
ओपन बोर्ड टॉपर्स की घोषणा
इस बार के परीक्षा परिणाम में 10वीं कक्षा में पाली की डिंपल कुमावत ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि 12वीं में उदयपुर की प्रियंका पंवार ने टॉप किया। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने फोन पर टॉपर छात्रों को बधाई दी। इस साल 1 लाख 32 हजार स्टूडेंट्स ने ओपन बोर्ड परीक्षा में भाग लिया।
पुरस्कार की घोषणा
स्टेट में टॉप करने वाले छात्रों को 21 हजार रुपए का पुरस्कार मिलेगा, जबकि जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को 11 हजार रुपए दिए जाएंगे। मार्च-मई 2024 में आयोजित 10वीं की परीक्षा में 80.33% परिणाम रहा, जिसमें 66% छात्र और 90% छात्राएं सफल रहीं। वहीं, 12वीं का परिणाम 63% रहा, जिसमें 62% छात्र और 63% छात्राओं ने सफलता प्राप्त की।