latest-newsअलवरउदयपुरक्राइमजयपुरझुंझुनूदौसाराजस्थानसीकर

हाउसिंग बोर्ड घूसकांड: रिश्वतखोर जेएलओ समेत तीन कर्मचारी सस्पेंड

हाउसिंग बोर्ड घूसकांड: रिश्वतखोर जेएलओ समेत तीन कर्मचारी सस्पेंड

शोभना शर्मा। राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। घूस लेने के आरोप में हाउसिंग बोर्ड प्रशासन ने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें रिश्वत लेते पकड़े गए जूनियर लॉ ऑफिसर (जेएलओ) प्रशांत गुप्ता, साथ ही सहायक लेखाधिकारी नवीन शर्मा और शेरसिंह शामिल हैं। हाउसिंग बोर्ड की ओर से इन अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए सस्पेंशन के आदेश जारी किए गए हैं।

रिश्वतखोरी में पकड़ा गया जेएलओ, जांच प्रभावित न हो इसलिए अन्य अधिकारी भी सस्पेंड

आवासन आयुक्त डॉ. रश्मि शर्मा द्वारा जारी निलंबन आदेश के तहत, प्रशांत गुप्ता को घूस लेने के मामले में सस्पेंड किया गया है। लेकिन विभागीय जांच प्रभावित न हो, इस वजह से सहायक लेखाधिकारी नवीन शर्मा और शेरसिंह को भी निलंबित किया गया है।

दरअसल, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की विशिष्ट पंजीकरण योजना 2003 के तहत इंदिरा गांधी नगर, जगतपुरा में एक आवास आवंटित किया गया था। यह आवास एक परिवादी के पिता के नाम पर था, लेकिन उनके निधन के बाद इसे परिवादी के नाम स्थानांतरित कर दिया गया।

जब परिवादी ने आवास का मांग पत्र जारी करने के लिए आवेदन किया, तो जेएलओ प्रशांत गुप्ता ने इसके बदले 2.5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। इस पर परिवादी ने एसीबी को इसकी सूचना दी।

एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा, सचिव की भूमिका भी संदिग्ध

एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रिश्वतखोरी की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की। जाल बिछाकर एसीबी ने जेएलओ प्रशांत गुप्ता को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि प्रशांत गुप्ता ने यह रिश्वत हाउसिंग बोर्ड के सचिव अनिल पालीवाल के नाम पर मांगी थी। ऐसे में एसीबी अब सचिव अनिल पालीवाल की भूमिका की भी जांच कर रही है।

भ्रष्टाचार पर हाउसिंग बोर्ड का सख्त कदम

राजस्थान हाउसिंग बोर्ड प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और तीनों अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। आवासन आयुक्त डॉ. रश्मि शर्मा ने स्पष्ट कर दिया है कि विभागीय जांच पूरी होने तक इन अधिकारियों को निलंबित रखा जाएगा और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सचिव की भूमिका पर सवाल, क्या होगी आगे की कार्रवाई?

अब इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सचिव अनिल पालीवाल भी इस भ्रष्टाचार में शामिल थे? अगर एसीबी की जांच में यह साबित होता है कि प्रशांत गुप्ता ने रिश्वत सचिव के निर्देश पर मांगी थी, तो बोर्ड के उच्च अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

 

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading