शोभना शर्मा। राजस्थान के बाड़मेर जिले में कलेक्टर टीना डाबी और शिव विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक रवींद्र सिंह भाटी के बीच एक बड़ा विवाद सामने आया है। 12 जनवरी को युवा दिवस के अवसर पर होने वाले रोहड़ी सांस्कृतिक महोत्सव को लेकर यह विवाद गहराता जा रहा है।
शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने इस महोत्सव का आयोजन किया है, जिसमें 300 से अधिक लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देने वाले हैं। इस आयोजन को उपखंड अधिकारी (एसडीएम) द्वारा अनुमति दे दी गई थी, लेकिन बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने इस अनुमति को रद्द कर दिया।
एसडीएम की अनुमति रद्द, कलेक्टर ने सुरक्षा कारण बताए
टीना डाबी ने एसडीएम द्वारा दी गई अनुमति को निरस्त करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों और बीएसएफ की आपत्तियों का हवाला दिया।
सुरक्षा क्षेत्र में आयोजन:महोत्सव का आयोजन गडरा रोड क्षेत्र में होना था, जो सात पुलिस थानों के तहत आने वाला एक प्रतिबंधित इलाका है। इस क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर सक्षम अनुमति के बिना रोक है।
अनुमति रद्द का कारण:कलेक्टर ने कहा कि बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इस आयोजन को लेकर आपत्ति जताई है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
विधायक भाटी के आयोजन की तैयारियों को झटका
रोहड़ी सांस्कृतिक महोत्सव के लिए विधायक रवींद्र सिंह भाटी और उनकी टीम ने बड़े स्तर पर तैयारियां की थीं।
प्रचार-प्रसार जारी:आयोजन के लिए 35,000 से अधिक लोगों को निमंत्रण भेजा गया है।
महोत्सव में कलाकारों की भागीदारी:इस कार्यक्रम में 300 से अधिक लोक कलाकारों की प्रस्तुति प्रस्तावित थी।
अनुमति रद्द होने का असर:आयोजन से दो दिन पहले अनुमति रद्द होने से विधायक और उनकी टीम को बड़ा झटका लगा है।
भविष्य में आयोजन होगा या नहीं?
टीना डाबी द्वारा अनुमति रद्द किए जाने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि रोहड़ी सांस्कृतिक महोत्सव होगा या नहीं।
विधायक की प्रतिक्रिया का इंतजार:अभी तक रवींद्र सिंह भाटी की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कानूनी कार्रवाई की संभावना:यदि विधायक इस अनुमति को बहाल करवाने के लिए कानूनी कदम उठाते हैं, तो यह मामला और बड़ा हो सकता है।
टीना डाबी और विधायक के बीच तकरार का यह पहला मामला नहीं
बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी और विधायक रवींद्र भाटी के बीच यह पहली बार नहीं है कि टकराव की स्थिति बनी है। इससे पहले भी प्रशासनिक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर इन दोनों के बीच अनबन की खबरें सामने आती रही हैं।
रोहड़ी महोत्सव: संस्कृति और राजनीति का टकराव
यह मामला सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रशासन और राजनीति के टकराव की झलक भी साफ दिखाई देती है।
जनता पर प्रभाव:इस विवाद से जनता के बीच भी चर्चा गर्म है कि सुरक्षा के नाम पर महोत्सव की अनुमति रद्द करना सही है या नहीं।
सांस्कृतिक आयोजन पर रोक का असर:स्थानीय लोक कलाकारों और जनता के लिए यह महोत्सव एक बड़ा मंच था, जिसे लेकर अब अनिश्चितता बनी हुई है।
Dabi vs Bhati: कौन सही, कौन गलत?
टीना डाबी और विधायक भाटी के इस विवाद ने राजस्थान में राजनीति और प्रशासनिक फैसलों को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है।
सुरक्षा बनाम संस्कृति:कलेक्टर का कहना है कि सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता, जबकि विधायक का पक्ष यह है कि सांस्कृतिक आयोजनों से स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
समाधान की उम्मीद:अब देखना यह है कि इस विवाद का समाधान कैसे निकलता है और रोहड़ी महोत्सव की अनुमति फिर से मिलती है या नहीं।