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जयपुर में सामने आए एचएमपी वायरस के दो नए मामले

जयपुर में सामने आए एचएमपी वायरस के दो नए मामले

मनीषा शर्मा।  जयपुर में हाल ही में एचएमपी वायरस के दो पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है। सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती एक महिला और एक पुरुष की जांच में इस वायरस की पुष्टि हुई है। यह जानकारी एसएमएस मेडिकल कॉलेज की सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर भारती मल्होत्रा ने दी। उन्होंने बताया कि यह इस साल के पहले दो मामले हैं, जो इस वायरस के संक्रमण के चलते सामने आए हैं।

दोनों मरीज सांस की बीमारी से पीड़ित हैं और इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे। डॉक्टरों का कहना है कि एचएमपी वायरस का प्रभाव आमतौर पर अक्टूबर से मार्च के बीच अधिक होता है। इस दौरान, वायरस के मामलों में वृद्धि देखी जाती है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता बन जाता है।

डॉक्टर भारती मल्होत्रा ने बताया कि पिछले 12-15 वर्षों से इस वायरस के मामलों की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि साल 2024 में अक्टूबर और नवंबर में इस वायरस के 2-2 मामले सामने आए थे। इसके अलावा, जनवरी, फरवरी और मार्च में क्रमशः 13, 34 और 20 मामले डिटेक्ट हुए थे, जिससे कुल 71 केस सामने आए। पिछले साल 2023 में भी जयपुर में 23 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे।

एचएमपी वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, डॉक्टरों ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। खासकर उन लोगों को जो पहले से ही सांस की बीमारियों से ग्रसित हैं। इस वायरस के लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।

डॉक्टर मल्होत्रा ने बताया कि 2012-13 में एक अध्ययन किया गया था, जिसमें जयपुर और आसपास के सरकारी अस्पतालों में भर्ती छोटे बच्चों (5 साल तक के) में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से जुड़ी समस्याओं का परीक्षण किया गया था। इस अध्ययन में एचएमपी वायरस के सबसे अधिक मामले सामने आए थे, जो इस वायरस की गंभीरता को दर्शाता है।

इस वायरस से बचने के लिए, डॉक्टरों ने कुछ सावधानियों का पालन करने की सलाह दी है। जैसे कि:

  1. हाथों की सफाई: नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइज़र का उपयोग करना।
  2. मास्क पहनना: खासकर भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर।
  3. स्वास्थ्य की निगरानी: यदि किसी को बुखार या सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  4. टीकाकरण: यदि उपलब्ध हो, तो संबंधित टीकों का उपयोग करें।

इस वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, यह आवश्यक है कि लोग जागरूक रहें और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का पालन करें। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर उपचार और सावधानी बरतने से इस वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

अंत में, एचएमपी वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता है, और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। जयपुर में मिले नए मामलों के साथ, यह स्पष्ट है कि इस वायरस के प्रति सतर्क रहना और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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