शोभना शर्मा। राजस्थान के अलवर जिले की सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां हत्या और दुष्कर्म के मामलों में सजा काट रहे दो कैदी जेल से फरार हो गए, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। फरार कैदियों की पहचान मुकेश और सतीश के रूप में हुई है। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी और दोनों कैदियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी तलाश तेज कर दी है। पुलिस के मुताबिक, फरार कैदियों की धरपकड़ के लिए दो टीमें बनाई गई हैं और उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। इसके अलावा, पुलिस ने उनके परिजनों से भी पूछताछ की है ताकि उनके भागने के पीछे की वजह और संभावित ठिकाने के बारे में जानकारी मिल सके।
कैसे फरार हुए दोनों कैदी?
अलवर शहर कोतवाली थाना पुलिस के अनुसार, फरार हुए दोनों कैदी हत्या और दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों के दोषी थे। मुकेश, जो मांढन गांव का रहने वाला है, को दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, जबकि राजगढ़ इलाके के सतीश को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा मिली थी। दोनों को उनके अच्छे व्यवहार के कारण पिछले साल केंद्रीय जेल के ओपन वार्ड में शिफ्ट किया गया था। ओपन जेल प्रणाली के तहत, कैदियों को सुबह 7 बजे जेल से बाहर जाने की अनुमति होती है ताकि वे काम-धंधा कर सकें, लेकिन उन्हें शाम तक लौटकर अपनी हाजिरी दर्ज करानी होती है। शनिवार को जब जेल प्रशासन ने रात्रि हाजिरी के दौरान सभी बंदियों को गिना, तो पाया कि मुकेश और सतीश दोनों गायब थे। जेल प्रशासन ने तुरंत उनकी तलाश शुरू की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला।
फोन भी स्विच ऑफ, कोई सुराग नहीं
जेल कर्मियों ने रातभर दोनों कैदियों को खोजने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मिले। यहां तक कि उनके फोन भी बंद आ रहे थे, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस करना मुश्किल हो गया। जब जेल प्रशासन को कोई जानकारी नहीं मिली, तो उन्होंने तुरंत अलवर कोतवाली पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद दोनों कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
गौरतलब है कि अलवर की इस जेल से पहले भी कई कैदी फरार हो चुके हैं। ओपन जेल व्यवस्था में बंदियों को कुछ हद तक स्वतंत्रता दी जाती है, ताकि वे समाज में धीरे-धीरे घुलमिल सकें और सुधार के रास्ते पर चल सकें। लेकिन कई बार इसी का फायदा उठाकर अपराधी जेल से भाग निकलते हैं।
क्यों भेजे जाते हैं कैदी ओपन जेल?
ओपन जेल में आमतौर पर उन्हीं कैदियों को भेजा जाता है जिनका व्यवहार सुधारात्मक होता है। जब किसी कैदी ने एक निश्चित समय तक सजा काट ली होती है और उसका आचरण अच्छा पाया जाता है, तब उसे ओपन जेल में शिफ्ट किया जाता है। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई थी ताकि अपराधी अपनी सजा के दौरान काम-धंधा कर आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में पुनः शामिल हो सकें। मुकेश और सतीश का व्यवहार भी जेल में अच्छा था, जिस कारण उन्हें मुख्य जेल से ओपन जेल के वार्ड में शिफ्ट किया गया था। लेकिन अब उनके फरार होने से जेल प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
पुलिस की कार्रवाई तेज
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फरार कैदियों की तलाश तेज कर दी है। दो अलग-अलग टीमों को विभिन्न इलाकों में भेजा गया है ताकि वे संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर सकें। इसके अलावा, पुलिस उनके परिजनों से भी लगातार पूछताछ कर रही है। अलवर जिले में इस घटना से हड़कंप मचा हुआ है। जेल प्रशासन और पुलिस दोनों ही इस मामले को लेकर सतर्क हैं और कैदियों को जल्द से जल्द पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल, अभी तक इन कैदियों का कोई सुराग नहीं मिला है, लेकिन पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।