शोभना शर्मा। उदयपुर, जिसे ‘झीलों का शहर’ कहा जाता है, राजस्थान का एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो अपनी अनोखी संस्कृति और अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां की झीलें, महल और ऐतिहासिक धरोहरें आपको समय के पुराने दौर में ले जाती हैं। उदयपुर की झीलों का सौंदर्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा, खासकर पिछोला झील, फतेह सागर झील, उदय सागर झील, ढेबर झील, और स्वरूप सागर झील जैसी जल निकायों की यात्रा आपको रोमांचित कर देगी।
पिछोला झील:
पिछोला झील, उदयपुर की सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक है, जिसका निर्माण 14वीं शताब्दी में मेवाड़ के महाराणा लाखा सिंह द्वारा किया गया था। यह कृत्रिम झील न केवल शहर को पानी की आपूर्ति करती थी, बल्कि आक्रमणकारियों से भी सुरक्षा प्रदान करती थी। इसके किनारे सिटी पैलेस, जग मंदिर और लेक पैलेस जैसे अद्भुत महल स्थित हैं। यह झील पक्षी प्रेमियों के लिए भी एक अद्वितीय स्थल है, जहां विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं।
फतेह सागर झील:
1678 में महाराणा फतेह सिंह के शासनकाल में निर्मित फतेह सागर झील, पिछोला झील के उत्तर में स्थित है और एक नहर द्वारा उससे जुड़ी हुई है। यह झील तीन तरफ से अरावली पहाड़ियों से घिरी हुई है और इसका आकार नाशपाती के समान है। इस झील के बीच में स्थित नेहरू द्वीप, पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, जहां नौका विहार और पिकनिक का आनंद लिया जा सकता है।
उदय सागर झील:
उदय सागर झील उदयपुर की सबसे बड़ी प्राकृतिक झीलों में से एक है, जिसका निर्माण महाराणा उदय सिंह द्वितीय द्वारा 16वीं शताब्दी में किया गया था। इस झील के किनारे कई मंदिर और महल स्थित हैं, जो उदयपुर की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। यह झील विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियों और मछलियों का घर है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनाती है।
ढेबर झील:
ढेबर झील, जिसे जयसमंद झील के नाम से भी जाना जाता है, एशिया की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। महाराणा जय सिंह द्वारा 17वीं शताब्दी में निर्मित इस झील का क्षेत्रफल लगभग 36 वर्ग किलोमीटर है। झील के चारों ओर की पहाड़ियां और हरे-भरे जंगल इसे एक शांत और प्राकृतिक स्थान बनाते हैं। इस झील के किनारे स्थित ढेबरेश्वर महादेव मंदिर और रणकपुर जैन मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं।
स्वरूप सागर झील:
स्वरूप सागर झील, जिसे कुम्हारिया तालाब भी कहा जाता है, उदयपुर के महाराणा स्वरूप सिंह के नाम पर बनाई गई थी। यह झील फतेह सागर और पिछोला झीलों के साथ मिलकर एक जल निकाय का संगम बनाती है। झील के किनारे से आप आसपास की पहाड़ियों और मंदिरों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। इसके पास स्थित सिटी पैलेस और जग मंदिर जैसे स्थल इसे उदयपुर की यात्रा के लिए एक आदर्श स्थल बनाते हैं।
उदयपुर की ये झीलें न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को भी समेटे हुए हैं। यहाँ की यात्रा आपके दिल को छू जाएगी और आपको अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगी।