शोभना शर्मा । सहायक प्रोफेसर भर्ती 2023 के अभ्यर्थियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने आरपीएससी द्वारा इंटरव्यू के लिए आयोजित प्रक्रिया में यूजीसी नेट (UGC NET) देरी से पास हुए उम्मीदवारों को शामिल करने के आदेश दिए हैं। यह मामला उन अभ्यर्थियों से जुड़ा है जो यूजीसी नेट परीक्षा पास करने के बावजूद इंटरव्यू में शामिल नहीं किए गए थे, क्योंकि उनके पास 14 अक्टूबर से पहले नेट क्वालिफाई का प्रमाण पत्र नहीं था।
विवाद का मूल कारण
2023 की सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की पात्रता में पीजी में 55 प्रतिशत अंक, यूजीसी नेट क्वालिफाई, और साल की अंतिम परीक्षा में शामिल होना शामिल था। लेकिन इस साल यूजीसी नेट परीक्षा में देरी हुई, जिससे इसके परिणाम में भी विलंब हुआ। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने 18 जून को नेट परीक्षा दी थी, लेकिन अनियमितताओं के कारण इसे 19 जून को रद्द कर दिया गया। बाद में, यह परीक्षा दोबारा 27 अगस्त को कराई गई, जिसका परिणाम 17 अक्टूबर को घोषित किया गया।
आरपीएससी ने 8 अगस्त को सहायक प्रोफेसर भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम जारी किया था, जिसमें कई अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की थी। इसके बाद आरपीएससी ने इंटरव्यू के लिए 14 अक्टूबर से 25 अक्टूबर और 4 नवम्बर से 25 नवम्बर तक तारीखें तय कीं। इसी बीच यूजीसी नेट का परिणाम 17 अक्टूबर को जारी किया गया, जिसमें याचिकाकर्ता सफल हुए। लेकिन आरपीएससी ने उन्हें इंटरव्यू में शामिल नहीं किया, क्योंकि इंटरव्यू शुरू होने से पहले उनके पास यूजीसी नेट पास का प्रमाण नहीं था।
हाईकोर्ट का फैसला: अंतरिम राहत
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील प्रेमचंद देवंदा और हेमराज रोदिया ने अदालत में प्रस्तुत किया कि नेट परीक्षा में देरी प्रशासनिक कारणों से हुई है, जिसमें अभ्यर्थियों का कोई दोष नहीं है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC), और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से जवाब तलब किया है और याचिकाकर्ताओं को अंतरिम तौर पर इंटरव्यू में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ताओं को इंटरव्यू के लिए कम से कम तीन दिन पहले सूचित किया जाएगा ताकि वे सही समय पर उपस्थित हो सकें।