मनीषा शर्मा। मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। UPS में कर्मचारियों को उनके आखिरी साल की औसत सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा, जो 25 साल या उससे अधिक सेवा वाले कर्मचारियों के लिए निर्धारित है। अगर सेवा 25 साल से कम है, तो पेंशन उसी अनुपात में दी जाएगी। कम से कम 10 हजार रुपए मासिक पेंशन की गारंटी भी दी गई है।
UPS में फैमिली पेंशन का प्रावधान भी है, जो मृतक कर्मचारी की पेंशन का 60% होगी। सरकार ने UPS के तहत अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 18.5% कर दी है, जो पहले 14% थी। UPS को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रखा गया है, जबकि राज्यों को इसे अपनाने की छूट दी गई है।
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के अध्यक्ष विजय बंधु ने कहा कि UPS को स्वीकारना सही कदम हो सकता है, लेकिन OPS का विकल्प क्यों नहीं दिया जा रहा? OPS को सामाजिक सुरक्षा का कवच माना जाता था।
UPS का उद्देश्य NPS और OPS के बीच एक संतुलित योजना प्रदान करना है, लेकिन OPS समर्थकों की मांगें अब भी बनी हुई हैं।