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जयपुर की अनोखी तमाशा और गुलाल गोटा की परंपरा

जयपुर की अनोखी तमाशा और गुलाल गोटा की परंपरा

शोभन शर्मा।  राजस्थान की राजधानी जयपुर अपने ऐतिहासिक महत्व, भव्य संस्कृति और रंगीन त्योहारों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहाँ का हर त्योहार एक अलग ही उमंग और जोश से मनाया जाता है, लेकिन होली का उत्सव सबसे खास और अलग होता है। जयपुर की होली केवल रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि इसमें संगीत, नृत्य और परंपरागत रीति-रिवाजों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यही कारण है कि होली के दौरान न केवल स्थानीय लोग बल्कि सात समंदर पार से भी पर्यटक इसे मनाने यहाँ आते हैं।

फूलों की होली का अद्भुत नज़ारा

जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर में होली का त्योहार बेहद भव्य तरीके से मनाया जाता है। यहाँ की सबसे खास बात है फूलों की होली, जिसमें रंगों की जगह ताजे फूलों की पंखुड़ियाँ उड़ाई जाती हैं। यह भक्तिमय परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व रखती है बल्कि पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। कीर्तन, भजन और रसिया के माध्यम से यह पर्व भक्ति और उल्लास का एक अनोखा संगम बन जाता है।

गुलाल गोटा: एक खास परंपरा जो दिल जीत लेती है

जयपुर की होली को खास बनाने में सबसे बड़ा योगदान है गुलाल गोटा की अनोखी परंपरा का। गुलाल गोटा छोटे-छोटे लाख के गोले होते हैं, जिनमें गुलाल भरा जाता है। इन गोलों को एक-दूसरे पर फेंककर खेला जाता है, जिससे रंगों की खूबसूरत बारिश होती है। इस परंपरा की शुरुआत करौली राजपरिवार से मानी जाती है, जहाँ मुस्लिम कारीगर विशेष रूप से राजा के लिए गुलाल गोटा तैयार करते थे। बाद में ये कारीगर जयपुर के परकोटा क्षेत्र में, विशेषकर मनिहारों के रास्ते में बस गए और आज भी यह परंपरा उसी उत्साह के साथ जारी है।

गुलाल गोटा का निर्माण आज भी परकोटा क्षेत्र के दर्जनों परिवारों द्वारा किया जाता है। इसे बनाने में माहिर मुस्लिम कारीगर हर साल होली के अवसर पर इसे तैयार करते हैं और बाजार में बेचते हैं। इस विशेष परंपरा का सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी मेलजोल का संदेश देना अपने आप में अनोखा है।

तमाशा और गालीबाज़ी: होली का और भी रंगीन रूप

जयपुर की होली में तमाशा और गालीबाज़ी भी बड़े लोकप्रिय तरीके हैं। यह परंपरा होली के हंसी-खुशी भरे माहौल को और भी रंगीन और मजेदार बनाती है। स्थानीय लोग होली के इस रूप को बड़े आनंद और उमंग के साथ मनाते हैं।

विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

जयपुर की होली केवल भारत के लोगों तक सीमित नहीं है। हर साल यहाँ बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं, जो जयपुर की अनोखी होली का अनुभव लेने के लिए खासतौर पर अपनी यात्रा की योजना बनाते हैं। ऐतिहासिक स्थलों के साथ इस जीवंत त्योहार का आनंद लेना उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाता है। जयपुर की होली में न केवल रंगों का, बल्कि संस्कृति और परंपरा का भी अद्भुत संगम देखने को मिलता है। फूलों की होली, गुलाल गोटा और तमाशा जैसे अनोखे अंदाज में होली मनाना जयपुर की सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध बनाता है।

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