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ABVP-NSUI का एकजुट विरोध: भाजपा विधायक पर सवाल

ABVP-NSUI का एकजुट विरोध: भाजपा विधायक पर सवाल

शोभना शर्मा।   राजस्थान की राजधानी जयपुर मंगलवार को एक असामान्य घटनाक्रम की गवाह बनी, जब धुर विरोधी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने एकजुट होकर भाजपा विधायक भागचंद टाकड़ा के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह घटना राजस्थान के छात्र राजनीति इतिहास में विशेष महत्व रखती है, जहां आमतौर पर ये संगठन एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होते हैं।

क्या है पूरा मामला?

घटना दौसा जिले की बांदीकुई विधानसभा सीट से भाजपा विधायक भागचंद टाकड़ा से जुड़ी है। मंगलवार को उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे हरदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में विरोध कर रहे ABVP कार्यकर्ताओं को धमकी देते नजर आए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को गुस्से में कहा, “ज्यादा बकवास करोगे तो गाड़ी चढ़ा दूंगा।”

हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में क्या हुआ?

हरदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सिंडिकेट की बैठक हो रही थी। इस दौरान ABVP कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। जब बैठक समाप्त हुई, तो प्रदर्शनकारियों ने विधायक की गाड़ी को रोककर ज्ञापन देने की कोशिश की। विधायक ने ज्ञापन लेने से इनकार किया और गुस्से में विवादित बयान दे दिया।

छात्र संगठनों की प्रतिक्रिया

ABVP का गुस्सा

ABVP कार्यकर्ताओं ने अपने ही पार्टी के विधायक के इस रवैये पर नाराजगी जताई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह अलोकतांत्रिक रवैया छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास है।

NSUI का समर्थन

NSUI ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है। राजस्थान NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने कहा, “जब भाजपा सरकार अपने ही छात्र संगठन को सुरक्षा नहीं दे पा रही है, तो आम जनता का क्या हाल होगा?”

ABVP और NSUI का एक साथ आना

इस विवाद ने छात्र राजनीति में एक नई मिसाल पेश की, जहां दो कट्टर विरोधी संगठन एक साथ आ गए। NSUI और ABVP दोनों ने मिलकर जयपुर में विरोध प्रदर्शन किया।   NSUI ने मांग की कि विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब भाजपा सरकार में ABVP कार्यकर्ता ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम छात्रों की सुरक्षा की क्या स्थिति होगी?   ABVP के प्रदेश कार्यकर्ताओं ने भी विधायक के रवैये की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विधायक का बयान भाजपा के सिद्धांतों के खिलाफ है और इससे पार्टी की छवि खराब हो रही है।  छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में पांच सालों से बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है।

मुख्य शिकायतें

  1. प्रशिक्षित फैकल्टी की कमी: छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही।
  2. इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव: भवन और लाइब्रेरी जैसी मूलभूत सुविधाएं अधूरी हैं।
  3. प्रशासन की उदासीनता: छात्रों की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता।

विधायक का पक्ष

विधायक भागचंद टाकड़ा ने इस घटना पर अभी कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, उनके बयान से उत्पन्न विवाद ने भाजपा के भीतर भी हलचल मचा दी है।

विवाद का राजनीतिक प्रभाव

विधायक के इस बयान से भाजपा को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी नेतृत्व पर यह सवाल उठ रहा है कि वह अपने कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदनशील क्यों नहीं है।  कांग्रेस ने इस मुद्दे को तूल देते हुए भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के राज में लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है।

ABVP और NSUI ने घोषणा की है कि वे छात्रों के अधिकारों के लिए मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। उनका कहना है कि यदि विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।

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