शोभना शर्मा। राजस्थान के दौसा में भाजपा की संगठनात्मक बैठक एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई। यह बैठक विधानसभा उपचुनाव के बाद पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। लेकिन, बैठक की शुरुआत से पहले ही पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच तनाव और बहस ने माहौल को गर्मा दिया।
हंगामे की शुरुआत कैसे हुई?
बैठक में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को भाग लेना था। हालांकि, बैठक शुरू होने से पहले किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा के पहुंचने और फिर प्रदेश अध्यक्ष के फोन पर जयपुर रवाना होने के बाद हालात बिगड़ गए। इसके बाद भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी रितेश पारीक और जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल शर्मा के बीच तीखी बहस हुई।
बात गाली-गलौज और मारपीट तक पहुंची
रितेश पारीक ने जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल शर्मा को भरी सभा में तीखे शब्दों में फटकार लगाई। इस बहस ने जल्द ही गाली-गलौज और हाथापाई का रूप ले लिया। उपस्थित कार्यकर्ताओं ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया और रितेश पारीक को बैठक से बाहर कर दिया।
पार्टी की छवि पर प्रभाव
यह घटना भाजपा के भीतर गहरे असंतोष और गुटबाजी को उजागर करती है। यह न केवल संगठनात्मक ढांचे की कमजोरी को दिखाती है बल्कि आगामी चुनावों में पार्टी की छवि और प्रदर्शन पर भी सवाल खड़े करती है।
बैठक का महत्व और विवाद का असर
यह पहली बैठक थी जो विधानसभा उपचुनाव के बाद हुई थी। पार्टी इसे अपनी रणनीतियों को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल करना चाहती थी। लेकिन विवाद ने पार्टी की एकता और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।