शोभना शर्मा। राजस्थान विधानसभा में असंसदीय भाषा और विवादित टिप्पणियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते गुरुवार (27 फरवरी) को विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध समाप्त करने का निर्णय लिया गया था। इस दौरान यह सहमति बनी थी कि सदन में कोई भी सदस्य आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग नहीं करेगा। लेकिन इस निर्णय के ठीक एक दिन बाद, कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा की विवादित टिप्पणी ने फिर से हंगामा खड़ा कर दिया।
डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने सदन में बहस के दौरान असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हुए सत्तापक्ष के एक विधायक को जूता मारने की धमकी दी। इस टिप्पणी के बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ, और सत्ता पक्ष ने इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को जनजाति और सामाजिक न्याय विभाग की अनुदान मांगों पर बहस चल रही थी। इस दौरान कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा अपनी बात रख रहे थे। बहस के दौरान जब सत्तापक्ष के एक विधायक ने उनकी बात को बीच में रोकने की कोशिश की, तो घोघरा ने गुस्से में आकर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर दिया। उन्होंने कहा “ओए, बात मत कर नहीं तो मेरा जूता बात करेगा। बीच में डिस्टर्ब मत कर।” घोघरा की इस टिप्पणी के बाद सदन में हलचल मच गई। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इस पर कड़ा विरोध जताया और विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की।
सदन में फिर छिड़ी असंसदीय भाषा की बहस
गौरतलब है कि इससे पहले भी राजस्थान विधानसभा में असंसदीय भाषा के इस्तेमाल को लेकर विवाद हो चुका है। बीते गुरुवार को सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत और विपक्ष के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे सदन में बड़ा गतिरोध उत्पन्न हो गया था। हालांकि, इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए सभी दलों के बीच सहमति बनी थी कि भविष्य में किसी भी तरह की अनुचित भाषा का प्रयोग नहीं किया जाएगा। लेकिन, कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा की इस टिप्पणी ने फिर से राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। सत्ता पक्ष के नेताओं ने इसे सदन की गरिमा के खिलाफ बताते हुए कार्रवाई की मांग की है।
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
विधानसभा में घोघरा की टिप्पणी के बाद विपक्षी दलों ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के विधायक सदन में मर्यादा को तोड़ रहे हैं और बार-बार असंसदीय भाषा का उपयोग कर रहे हैं। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा— “अगर सरकार खुद अपने विधायकों को नियंत्रित नहीं कर सकती, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। गणेश घोघरा जैसे विधायकों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचाए।”
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
विधानसभा अध्यक्ष ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लिया है और सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने की बात कही है। हालांकि, अब देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी अपने विधायक पर क्या कार्रवाई करती है और क्या गणेश घोघरा अपने बयान के लिए माफी मांगते हैं या नहीं। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि राजस्थान विधानसभा में बार-बार इस तरह के विवाद क्यों हो रहे हैं। विपक्ष लगातार इस मुद्दे को उछाल रहा है और सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है।