मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर विवादों ने तूल पकड़ लिया है। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सांगरिया विधायक अभिमन्यु पुनिया का हाल ही में दिया गया विवादित बयान चर्चा का विषय बन गया है। बाड़मेर जिले के सेड़वा कस्बे में आयोजित “नशा नहीं नौकरी दो” कार्यक्रम के दौरान पुनिया ने युवाओं को अधिकारियों के खिलाफ हिंसा का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करते हुए कहा, “अधिकारी नहीं सुनते तो ठोक दिया करो, आगे हम देख लेंगे।” यह बयान न केवल संविधान के खिलाफ है बल्कि युवाओं को गलत दिशा में ले जाने वाला भी है। ऐसे समय में जब देश के राजनीतिक नेतृत्व से जिम्मेदारी और सद्भाव की उम्मीद की जाती है, इस तरह के बयान से राजनीति गरमा गई है।
कार्यक्रम का विवरण
विरोध प्रदर्शन और रैली का आयोजन
बाड़मेर जिले के धनाऊ कस्बे में यूथ कांग्रेस ने “नशा नहीं नौकरी दो” अभियान के तहत भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार देने और नशा मुक्ति पर जोर देना था।
इस दौरान बाइक रैली निकाली गई, जो सेड़वा उपखंड मुख्यालय पर समाप्त हुई। वहां एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें अभिमन्यु पुनिया सहित कई कांग्रेस नेता मौजूद थे।विवादित बयान का समय
सभा को संबोधित करते हुए अभिमन्यु पुनिया ने कहा, “यदि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोई अधिकारी परेशान करता है, तो उसे ठोक दिया करो। बाद में हम देख लेंगे।”
यह बयान संविधान और कानून के मूल्यों के खिलाफ है। इससे न केवल कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि युवाओं को भी गलत संदेश गया है।मंच पर मौजूद अन्य नेता
इस सभा के दौरान कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मंच पर मौजूद थे, जिनमें शामिल थे:
- पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल
- पूर्व मंत्री और कांग्रेस जिला अध्यक्ष गफूर अहमद
- बाड़मेर-जैसलमेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल
इन नेताओं की मौजूदगी में दिया गया यह बयान सवाल खड़े करता है कि क्या कांग्रेस पार्टी इस पर कोई कार्रवाई करेगी?
विवाद के राजनीतिक प्रभाव
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने इस बयान को कांग्रेस पार्टी की “राजनीतिक अस्थिरता” का प्रमाण बताया है। भाजपा नेताओं ने अभिमन्यु पुनिया के बयान की कड़ी आलोचना की और इसे संविधान विरोधी करार दिया।कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस पार्टी के अंदर इस बयान को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्र इसे पार्टी के लिए संकट मान रहे हैं।युवाओं पर प्रभाव
इस तरह के बयान युवाओं को कानून-व्यवस्था के खिलाफ जाने के लिए उकसा सकते हैं। इससे कांग्रेस पार्टी की नीतियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।सामाजिक और राजनीतिक संदेश
अभिमन्यु पुनिया का बयान उन मुद्दों को भी उजागर करता है, जो राजनीति में जिम्मेदारी और जवाबदेही की कमी को दिखाते हैं। युवाओं को संबोधित करते समय नेताओं को यह समझना चाहिए कि उनके शब्द समाज पर गहरा प्रभाव डालते हैं।