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उत्कर्ष कोचिंग पर फिजिक्स वाला पार्टनरशिप डील में टैक्स चोरी का आरोप

उत्कर्ष कोचिंग पर फिजिक्स वाला पार्टनरशिप डील में टैक्स चोरी का आरोप

मनीषा शर्मा। उत्कर्ष कोचिंग संचालक के खिलाफ 800 करोड़ की विवादित डील में बड़े घोटाले और टैक्स चोरी का आरोप सामने आया है। आयकर विभाग ने संचालक के जोधपुर, जयपुर, प्रयागराज और इंदौर स्थित 19 ठिकानों पर लगातार दो दिन छापेमारी की। इस जांच में बड़े पैमाने पर अघोषित नकदी लेन-देन और टैक्स चोरी के पुख्ता सबूत मिले हैं।

फिजिक्स वाला के साथ पार्टनरशिप बनी विवाद का केंद्र

कुछ महीनों पहले उत्कर्ष कोचिंग और फिजिक्स वाला के बीच साझेदारी की बड़ी डील हुई थी। सूत्रों के अनुसार, इस साझेदारी के बाद से ही फिजिक्स वाला का मैनेजमेंट उत्कर्ष कोचिंग के संचालन में शामिल हुआ। हालांकि, आयकर विभाग को शिकायतें मिलीं कि इस साझेदारी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।

शिकायत के अनुसार, 800 करोड़ रुपये से अधिक की इस डील में भारी मात्रा में नकद लेन-देन किया गया। आयकर विभाग ने इस डील की जांच शुरू की और दस्तावेजों में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ।

कैश लेन-देन और टैक्स चोरी के सबूत

आयकर विभाग ने गुरुवार को उत्कर्ष कोचिंग सेंटर के जोधपुर में 16, जयपुर, इंदौर और प्रयागराज में 1-1 ठिकाने पर छापेमारी की। विभाग को छापों में भारी मात्रा में नकदी, ज्वेलरी और अन्य अघोषित संपत्तियां मिलीं।

सूत्रों के अनुसार, बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन का इस्तेमाल टैक्स चोरी के लिए किया गया था। छापेमारी में मिले दस्तावेजों से यह साफ हो गया कि डील में पारदर्शिता नहीं थी और संचालक द्वारा टैक्स बचाने के लिए नकद लेन-देन किया गया।

19 ठिकानों पर आयकर विभाग की टीमों की कार्रवाई

आयकर विभाग की छापेमारी में जोधपुर, जयपुर, इंदौर और प्रयागराज के कुल 19 ठिकाने शामिल थे। यह कार्रवाई विभाग की अन्वेषण शाखा की महानिदेशक रेणू अमिताभ, निदेशक अवधेश कुमार, और अतिरिक्त निदेशक डॉ. संग्राम रमेश जगदाले के निर्देशन में की गई।

डेढ़ दर्जन टीमों ने तीन राज्यों में यह छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान नकदी और ज्वेलरी जब्त की गई, जिसकी कीमत का आकलन किया जा रहा है।

फिजिक्स वाला और उत्कर्ष की साझेदारी पर सवाल

फिजिक्स वाला, जो कि देशभर में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में प्रमुख नाम है, ने उत्कर्ष कोचिंग के साथ पार्टनरशिप की थी। इस डील के तहत फिजिक्स वाला ने उत्कर्ष के मैनेजमेंट में अपनी भागीदारी बढ़ाई। हालांकि, यह साझेदारी अब विवादों में घिर गई है।

आयकर विभाग ने इस डील से जुड़े दस्तावेज खंगालते हुए पाया कि इसमें टैक्स चोरी और अघोषित संपत्तियों का बड़ा हिस्सा शामिल है।

भारी नकदी और ज्वेलरी का खुलासा

छापेमारी के दौरान विभाग को संचालक के ठिकानों पर बड़ी मात्रा में नकदी और ज्वेलरी मिली। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब्त की गई संपत्ति का मूल्यांकन जारी है।

छापों में मिले सबूतों ने यह साबित किया कि संचालक द्वारा टैक्स चोरी के उद्देश्य से नकद लेन-देन किया गया।

आयकर विभाग की सख्त कार्रवाई जारी

आयकर विभाग इस मामले में गहन जांच कर रहा है। संचालक के बैंक अकाउंट्स, वित्तीय लेन-देन और अन्य दस्तावेजों की जांच जारी है। विभाग जल्द ही मामले से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट पेश कर सकता है।

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