latest-newsअलवरउदयपुरजयपुरझुंझुनूदौसाराजस्थानसीकर

वासुदेव देवनानी ने धर्मांतरण विरोधी बिल को बताया समय की जरूरत

वासुदेव देवनानी ने धर्मांतरण विरोधी बिल को बताया समय की जरूरत

शोभना शर्मा। राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने धर्मांतरण विरोधी बिल को आज की जरूरत करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक समाज में बढ़ रही घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक है, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए। उदयपुर दौरे के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह बिल पहले भी कई बार पेश हो चुका है, लेकिन विभिन्न कारणों से पारित नहीं हो पाया था। इस बार केंद्र और राज्य दोनों में एक ही सरकार होने के चलते इसके पारित होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

देवनानी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे 60 दिनों के भीतर कलेक्टर को इसकी सूचना देनी होगी। यह विधेयक महिलाओं की सुरक्षा और समाज में फैले असामाजिक तत्वों पर लगाम कसने के लिए जरूरी कदम है।

अनुशासनहीनता पर सख्त रवैया

विधानसभा में अनुशासनहीनता पर कड़ा संदेश देते हुए स्पीकर ने कहा कि वे स्वयं शिक्षक रहे हैं और अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जाएगा, लेकिन उन्हें नियमों के दायरे में रहकर ही अपनी बात रखनी होगी। इससे सार्थक बहस संभव होगी और विधानसभा की गरिमा बनी रहेगी।

गौरतलब है कि हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कुछ अपशब्द कहे थे, जिसके बाद विपक्ष ने हंगामा किया। बाद में मंत्री को माफी मांगनी पड़ी। इसी संदर्भ में स्पीकर ने कहा कि सदन में मर्यादा और अनुशासन का पालन सभी को करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि कोटा के विधायक शांति धारीवाल ने पिछले सत्र में कुछ अनुचित बातें कही थीं, जिसके लिए बाद में उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।

धर्मांतरण विरोधी बिल: क्यों है जरूरी?

वासुदेव देवनानी ने कहा कि धर्मांतरण विरोधी विधेयक पहले भी विधानसभा में पारित हुआ था, लेकिन राज्यपाल या केंद्र सरकार के स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस बार केंद्र और राज्य दोनों में एक ही दल की सरकार होने के कारण इसके पारित होने की संभावनाएं ज्यादा हैं।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं बढ़ रही हैं, खासतौर पर आदिवासी और गरीब क्षेत्रों में। इसके कारण महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं। कई बार लव जिहाद जैसी घटनाएं देखने को मिलती हैं, जिनमें महिलाओं को छल-कपट से धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है। कुछ मामलों में तो हत्या जैसी गंभीर घटनाएं भी हो चुकी हैं।

इस विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करता है तो उसे 60 दिनों के भीतर इसकी जानकारी जिला कलेक्टर को देनी होगी। यह नियम अनिवार्य रूप से लागू रहेगा ताकि धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और कोई भी इसे जबरदस्ती या धोखे से न करा सके।

विधानसभा की नवाचार पहल

स्पीकर ने कहा कि राजस्थान विधानसभा को देश की श्रेष्ठ विधानसभा बनाने के लिए कई नवाचार किए गए हैं। अब विधानसभा को पेपरलैस बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। हर विधायक की सीट पर आईपैड लगाए गए हैं, जिससे सभी कार्य डिजिटल माध्यम से किए जा सकें।

इसके अलावा, विधानसभा भवन का रंग भी बदला गया है। पहले इसका रंग हरा था, लेकिन अब इसे गुलाबी कर दिया गया है, जिससे यह जयपुर की ‘गुलाबी नगरी’ की थीम से मेल खाता है। इस बदलाव को सभी विधायकों ने सकारात्मक रूप से लिया है।

सत्र की गरिमा बनाए रखने पर जोर

वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधानसभा में सभी विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है। पहले कई बार ऐसा देखा गया था कि सभी 200 सदस्य सदन में उपस्थित नहीं रहते थे, लेकिन इस बार यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी विधायक पूरे सत्र के दौरान सदन में उपस्थित रहें।

उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा की परंपराओं को सहेजने और नियमों के अनुसार सत्र संचालन करने का प्रयास किया जाएगा। अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने के लिए कठोर नियम लागू किए जाएंगे ताकि विधायकों को अपनी बात कहने का पूरा अवसर मिले, लेकिन मर्यादित भाषा में।

 

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading