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RPSC सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में घोटाला करने वाला VDO गिरफ्तार

RPSC सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में घोटाला करने वाला VDO गिरफ्तार

मनीषा शर्मा। राजस्थान में RPSC सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाने के घोटाले में शामिल ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को विशेष कार्यबल (SOG) ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी VDO ने दो अभ्यर्थियों के लिए डमी कैंडिडेट की व्यवस्था करने के बदले 35 लाख रुपए लिए थे। SOG पहले ही इन दोनों अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर चुकी थी, और बुधवार को VDO को भी हिरासत में लिया गया। अदालत में पेश करने के बाद VDO को 17 सितंबर तक रिमांड पर भेज दिया गया है।

डमी कैंडिडेट के लिए 35 लाख की डील

गिरफ्तार VDO का नाम दर्शन मीणा है, जो 2018 से पाली जिले की मांडा ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर तैनात था। SOG की जांच में पता चला कि दर्शन मीणा ने अनिल मीणा और सूरत राम नामक अभ्यर्थियों से डमी कैंडिडेट बैठाने के बदले क्रमशः 20 लाख और 15 लाख रुपए लिए थे। इन अभ्यर्थियों ने RPSC की ग्रेड सेकेंड सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा 2022 में आवेदन किया था।

डमी कैंडिडेट का इस्तेमाल

अनिल मीणा (36) और सूरत राम (40) ने विज्ञान और सामान्य ज्ञान की परीक्षाओं में अपनी जगह डमी कैंडिडेट्स को बैठाया था। 24 दिसंबर 2022 को विज्ञान का पेपर और 29 जनवरी 2023 को सामान्य ज्ञान और शैक्षिक मनोविज्ञान की परीक्षा हुई थी। इन दोनों ने VDO दर्शन मीणा से संपर्क कर डमी कैंडिडेट की व्यवस्था करवाई थी। इसके बाद दोनों ने डमी कैंडिडेट्स से परीक्षा दिलवाकर सीनियर टीचर (विज्ञान विषय) के पद पर सिलेक्ट होने में सफल हो गए थे।

SOG की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

एडीजी एसओजी वीके सिंह ने बताया कि SOG की जांच के बाद 4 सितंबर 2024 को अनिल मीणा और 5 सितंबर 2024 को सूरत राम को गिरफ्तार कर लिया गया था। इनसे पूछताछ के दौरान डमी कैंडिडेट की व्यवस्था करने वाले ग्राम विकास अधिकारी दर्शन मीणा का नाम सामने आया। इसके बाद बुधवार को VDO को भी गिरफ्तार किया गया।

SOG ने दर्शन मीणा को अदालत में पेश किया, जहां से उसे 17 सितंबर 2024 तक रिमांड पर भेजा गया। अब SOG इस घोटाले से जुड़े अन्य लोगों और डमी कैंडिडेट्स की जानकारी जुटा रही है।

परीक्षा घोटालों पर सख्त कार्रवाई

राजस्थान में पिछले कुछ समय से विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली और घोटालों के मामले सामने आ रहे हैं। SOG द्वारा की जा रही इस जांच से यह साफ होता है कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास करवाने का यह मामला शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

घोटाले में शामिल अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी

SOG की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि अनिल मीणा और सूरत राम ने परीक्षा में अपने स्थान पर डमी कैंडिडेट्स को बैठाकर धोखाधड़ी की थी। इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों और डमी कैंडिडेट्स के खिलाफ भी SOG की जांच जारी है। उम्मीद की जा रही है कि इस घोटाले से जुड़े और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।

सख्त कदम उठाने की जरूरत

इस प्रकार के घोटाले राज्य की शिक्षा प्रणाली और भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर बुरा प्रभाव डालते हैं। RPSC जैसी संस्थाओं को भी अपने परीक्षा संचालन में और कड़ी निगरानी और सुधार लाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोका जा सके। SOG द्वारा की जा रही कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि राज्य सरकार भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठा रही है। RPSC सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट्स बैठाने का यह मामला परीक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता की जरूरत को दर्शाता है। SOG की त्वरित कार्रवाई और VDO समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी से इस तरह के घोटालों पर लगाम लगाने की उम्मीद जताई जा रही है।

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