latest-newsअजमेरदेशराजस्थान

पीएम मोदी के जन्मदिन पर अजमेर शरीफ दरगाह में शाकाहारी लंगर

पीएम मोदी के जन्मदिन पर अजमेर शरीफ दरगाह में शाकाहारी लंगर

शोभना शर्मा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को 74 साल के हो गए। इस खास मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह में उनके सम्मान में शाकाहारी लंगर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मीठे चावल बनाए जाएंगे। यह आयोजन ‘सेवा पखवाड़ा’ के तहत हो रहा है, जिसमें अजमेर शरीफ की सबसे बड़ी शाही देग में मीठे चावल पकाए जाएंगे। इस विशाल देग का इतिहास मुगल सम्राट अकबर से जुड़ा है और यह दुनिया की सबसे बड़ी देग मानी जाती है। इस देग में एक बार में 4800 किलो मीठे चावल बनाए जा सकते हैं, जो बाद में भक्तों को वितरित किए जाते हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी देग और उसका अकबर से नाता

अजमेर शरीफ दरगाह में मौजूद इस विशाल शाही देग की कहानी बेहद रोचक है। इसे 1568 में मुगल बादशाह अकबर ने दरगाह को भेंट किया था। कहा जाता है कि अकबर ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगी थी। जब उनकी मन्नत पूरी हुई, तो उन्होंने इस देग को श्रीलंका से मंगवाया और इसे दरगाह को भेंट कर दिया। इस देग को “बड़ी शाही देग” कहा जाता है और यह सात धातुओं के मिश्रण से बनी है। इसका अनोखा डिज़ाइन ऐसा है कि पकाने के दौरान इसका किनारा गर्म नहीं होता, जिससे खाना पकाने वालों को सुविधा होती है।

देग का आकार और क्षमता

यह देग 37 फीट व्यास की है, और इसमें एक बार में 4800 किलो मीठे चावल पकाए जा सकते हैं। यह शाही देग अजमेर शरीफ दरगाह की सबसे बड़ी देग है और इस आकार की देग दुनिया में और कहीं मौजूद नहीं है। इस देग में विशेष अवसरों पर मीठे चावल पकाकर लोगों को वितरित किया जाता है, जिसे “लंगर” कहा जाता है। मोदी के जन्मदिन पर भी इसमें शाकाहारी लंगर के लिए मीठे चावल पकाए जाएंगे। इसमें शुद्ध घी, मेवा और केसर का उपयोग किया जाता है, जो इस लंगर को विशेष बनाता है।

छोटी शाही देग और उसकी कहानी

अजमेर शरीफ दरगाह में एक और छोटी देग भी है, जिसे मुगल बादशाह जहांगीर ने भेंट किया था। इस देग का व्यास 22 फीट है और इसमें एक बार में 2400 किलो मीठे चावल पकाए जा सकते हैं। जहांगीर ने यह देग अपने पिता अकबर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दरगाह को भेंट की थी। दोनों देगों का उपयोग खास मौकों पर बड़े पैमाने पर लंगर बनाने के लिए किया जाता है।

बुकिंग और खर्च

अजमेर शरीफ दरगाह में शाही देग में लंगर बनाने के लिए भक्तों को पहले से बुकिंग करनी होती है। बड़ी शाही देग की बुकिंग के लिए 3,51,000 रुपये का खर्च आता है, जबकि छोटी देग की बुकिंग के लिए 2,51,000 रुपये की राशि निर्धारित है। यह बुकिंग अमूमन खास धार्मिक आयोजनों या भक्तों द्वारा मन्नत पूरी होने पर की जाती है।

मोदी के जन्मदिन पर विशेष आयोजन

इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर अजमेर शरीफ में आयोजित शाकाहारी लंगर की खास बात यह है कि इसमें केवल शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा, जो कि दरगाह के इतिहास में पहली बार हो रहा है। लंगर का आयोजन रात 10 बजे से शुरू होगा और हजारों भक्तों के बीच मीठे चावल बांटे जाएंगे। यह आयोजन प्रधानमंत्री मोदी के 74वें जन्मदिन और सेवा पखवाड़ा के तहत किया जा रहा है, जो देशभर में सामाजिक कार्यों के माध्यम से मनाया जा रहा है।

इस ऐतिहासिक देग का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बहुत बड़ा है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आकर इस शाही देग से बने प्रसाद का आनंद लेते हैं। पीएम मोदी के जन्मदिन पर आयोजित यह विशेष लंगर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसे सांस्कृतिक एकता और सेवा की भावना का प्रतीक भी माना जाता है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading