शोभना शर्मा। राजस्थान में परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की सुरक्षा और सड़क पर चलने की योग्यता सुनिश्चित करने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं। हालाँकि, बाड़मेर जिले के जोधपुर रोड स्थित पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर पर वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इस सेंटर ने मात्र 18 दिनों में 837 वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिए, जिनमें से कई वाहनों को सेंटर तक लाया ही नहीं गया। परिवहन विभाग द्वारा इस फर्जीवाड़े की जांच की गई, जिसके बाद सेंटर की आईडी ब्लॉक कर दी गई और सेंटर संचालक से जवाब तलब किया गया।
फिटनेस सर्टिफिकेट का महत्व और प्रक्रिया:
वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन सड़क पर चलने के लिए पूरी तरह सुरक्षित और उपयुक्त है। खासकर भारी और व्यावसायिक वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट आवश्यक होता है।
पूर्व में, यह प्रक्रिया पूरी तरह से परिवहन विभाग द्वारा की जाती थी। अब इसे निजी फिटनेस सेंटरों को सौंप दिया गया है। प्रक्रिया के तहत वाहन को फिटनेस सेंटर लाना अनिवार्य होता है, जहां उसकी विभिन्न तकनीकी और यांत्रिक जांच की जाती है। जांच के बाद ही वाहन के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर पर गंभीर आरोप:
बाड़मेर के जोधपुर रोड पर स्थित पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर ने नियमों को ताक पर रखते हुए महज 18 दिनों में 837 वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिए। जांच में सामने आया कि इनमें से कई वाहनों को सेंटर तक लाया ही नहीं गया और केवल फोटो के आधार पर सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए।
जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) बाड़मेर की जांच में यह भी पता चला कि कुछ वाहनों के फोटो हाइवे पर खड़े हुए लिए गए थे, जबकि कुछ वाहनों के संचालन के परमिट बाहरी जिलों से संबंधित थे।
फर्जीवाड़े का खुलासा:
फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने में गड़बड़ी की जानकारी तब सामने आई जब परिवहन विभाग ने कम समय में बड़ी संख्या में सर्टिफिकेट जारी होने पर संज्ञान लिया। विभाग ने बाड़मेर के परिवहन अधिकारी को जांच के निर्देश दिए। डीटीओ द्वारा जांच के दौरान रैंडम तरीके से 21 वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट की पड़ताल की गई।
जांच में स्पष्ट हुआ कि इन वाहनों की सेंटर पर जांच नहीं हुई थी। बल्कि, फोटो और फुटेज अपलोड कर सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए। इन गड़बड़ियों के कारण विभाग ने जोधपुर रोड पर स्थित पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर की आईडी ब्लॉक कर दी।
सेंटर संचालक से जवाब तलब:
जांच के बाद परिवहन विभाग ने पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर के संचालक से 26 दिसंबर तक जवाब देने को कहा है। विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो सेंटर का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
बाड़मेर में दो फिटनेस सेंटरों को अधिकृत किया गया है, जिसमें पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर और जैसलमेर रोड पर स्थित दूसरा सेंटर शामिल हैं। दोनों सेंटर एक ही संचालक के अंतर्गत आते हैं। जोधपुर रोड सेंटर पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जैसलमेर रोड सेंटर की गतिविधियों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
विभागीय कदम और संभावित कार्रवाई:
परिवहन विभाग ने इस घोटाले के उजागर होने के बाद पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर की आईडी को तुरंत ब्लॉक कर दिया और सेंटर संचालक से जवाब मांगा। इसके साथ ही, विभाग ने अन्य अधिकृत फिटनेस सेंटरों की भी गहन जांच के संकेत दिए हैं।
अगर सेंटर द्वारा दिए गए जवाब में घोटाले की पुष्टि होती है, तो सेंटर के लाइसेंस को रद्द करने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
फिटनेस सर्टिफिकेट घोटाले के परिणाम:
- वाहन मालिकों पर प्रभाव:
इस घोटाले का सीधा असर उन वाहन मालिकों पर पड़ सकता है, जिन्होंने नियमों का पालन करते हुए फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए भुगतान किया। ऐसे सर्टिफिकेट को अगर रद्द किया जाता है, तो वाहन मालिकों को दोबारा प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।- सड़क सुरक्षा पर खतरा:
फिटनेस सर्टिफिकेट का उद्देश्य सड़क पर चलने वाले वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लेकिन बिना जांच के सर्टिफिकेट जारी होने से सड़क पर खतरनाक और असुरक्षित वाहन चल सकते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।- सिस्टम में विश्वास की कमी:
इस तरह के घोटाले से सरकारी और निजी फिटनेस सेंटरों की प्रक्रिया पर लोगों का भरोसा कम हो सकता है।