latest-newsअलवरउदयपुरजयपुरझुंझुनूदेशदौसाराजस्थानसीकर

उपराष्ट्रपति धनखड़: कौशल विकास और लघु उद्योग भारत की नई उम्मीद

उपराष्ट्रपति धनखड़: कौशल विकास और लघु उद्योग भारत की नई उम्मीद

शोभना शर्मा। जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में आयोजित एक समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कौशल विकास और लघु उद्योगों को लेकर बड़ी बातें कही। उन्होंने कहा कि केवल डिग्री पर डिग्री लेने से कुछ नहीं होगा, बल्कि कौशल ही वह माध्यम है, जो युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा। उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए कहा कि इसमें कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई है, जिससे युवाओं को रोजगार में अधिक अवसर मिलेंगे।

कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन

यह कार्यक्रम लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित था, जहां उपराष्ट्रपति ने सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केंद्र का लोकार्पण किया। यह केंद्र राजस्थान के युवाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलने का प्रयास है। यहां अकाउंट्स, फैशन डिजाइनिंग, हैंडीक्राफ्ट, इलेक्ट्रिशियन, डिजिटल स्किल्स, और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

डिग्री के बजाय कौशल पर जोर

उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा कि डिग्री पर डिग्री लेने से समाज और देश का विकास नहीं होगा। उन्होंने युवाओं को यह संदेश दिया कि किसी विशेष क्षेत्र में कौशल हासिल करके ही वे समाज में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।

उन्होंने कहा, “आज शिक्षा और कौशल दोनों जरूरी हैं। हमें आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ संस्कारवान भी होना चाहिए। यह केवल भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने का नहीं, बल्कि बच्चों को संस्कार और नैतिकता सिखाने का भी समय है।”

RSS के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल का बयान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने भी इस मौके पर युवाओं की समस्याओं और रोजगार के मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “आज हमारे युवा 12 से 15 हजार रुपए की नौकरी के लिए देशभर में भटक रहे हैं। यह मॉडल हमारे देश के लिए सही नहीं है। हमारे युवाओं को उनके गांव के पास ही रोजगार मिलना चाहिए।”

कृष्ण गोपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत का विकास मॉडल अमेरिका या जर्मनी जैसा नहीं हो सकता, क्योंकि हमारा देश कृषि पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों की तुलना में छोटे उद्योग ज्यादा रोजगार देते हैं और इसी दिशा में काम करना होगा।

लघु उद्योगों की भूमिका

डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने कहा कि भारत हमेशा से एक छोटे उद्योगों का देश रहा है। अंग्रेजों के आने से पहले भारत में न केवल कृषि, बल्कि कपड़ा, ज्वेलरी, और अन्य छोटे उद्योगों का भी दबदबा था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भारत को कृषि तक सीमित कर दिया, लेकिन अब भारत फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट रहा है।

आज MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) क्षेत्र के माध्यम से 8 करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने लघु उद्योगों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये उद्योग ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।

राष्ट्रवाद और पर्यावरण पर उपराष्ट्रपति का संदेश

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में राष्ट्रवाद और पर्यावरण के मुद्दे पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम भारतीय कभी भी राष्ट्रवाद और राष्ट्र प्रेम से समझौता नहीं कर सकते। आज कुछ ताकतें ऐसी हैं, जो देश की प्रगति को पचा नहीं पा रही हैं। वे हमारे देश को खंडित करने और संस्थाओं को अपमानित करने की कोशिश कर रही हैं।

पर्यावरण पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है। उन्होंने सभी से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने का आग्रह किया और कहा कि कोई दूसरी पृथ्वी हमारे पास नहीं है।

सीतापुरा कौशल केंद्र की खासियतें

सीतापुरा में बनाए गए इस कौशल विकास केंद्र को 1.25 लाख स्क्वायर फीट क्षेत्र में तैयार किया गया है। यह राजस्थान का एक प्रमुख केंद्र बनेगा, जहां युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण मिलेगा। केंद्र में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और इसे युवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

कृष्ण गोपाल: शिक्षा और कौशल के बीच पुल

डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने कहा कि देश में शिक्षा और कौशल के बीच एक बड़ा अंतर है। एक तरफ IIT और MBA जैसी उच्च शिक्षण संस्थाएं हैं, तो दूसरी तरफ 12वीं में फेल हो चुके छात्रों के लिए कुछ नहीं है। यह कौशल विकास केंद्र उन युवाओं को एक नई दिशा देगा, जो शिक्षा में पीछे रह गए हैं लेकिन अपनी काबिलियत साबित करना चाहते हैं।

 

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading