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अजमेर बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन: ई-रिक्शा ड्राइवर को थप्पड़

अजमेर बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन: ई-रिक्शा ड्राइवर को थप्पड़

मनीषा शर्मा, अजमेर।  बिजयनगर में हुए रेप और ब्लैकमेलिंग कांड के विरोध में शनिवार को अजमेर बंद रखा गया। इस बंद का आयोजन सकल हिंदू समाज द्वारा किया गया था, जिसे 124 से अधिक संगठनों का समर्थन मिला। इस दौरान शहर में प्रदर्शनकारियों ने बाजार बंद करवाने के लिए सख्ती दिखाई और कई जगहों पर लाठी-डंडों के साथ सड़कों पर उतरकर दुकानें बंद करवाई गईं। प्रदर्शन के दौरान ई-रिक्शा, टेम्पो और अन्य वाहनों के पहियों की हवा निकालने की घटनाएं सामने आईं। सवारियों को जबरन उतारा गया और कुछ स्थानों पर विवाद भी हुआ। एक जगह प्रदर्शनकारियों और ई-रिक्शा ड्राइवर के बीच विवाद बढ़ गया, जिसके चलते उसे थप्पड़ मारने की घटना भी सामने आई।

कलेक्ट्रेट पर हंगामा, बैरिकेड पर चढ़े प्रदर्शनकारी

सुबह करीब 11:30 बजे एक विशाल आक्रोश रैली अजमेर के कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए थे। उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कलेक्ट्रेट परिसर में लगाए गए बैरिकेड्स पर चढ़कर विरोध जताया। बाद में, कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा देने की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए।

बंद के दौरान बाजारों में सख्ती, गाड़ियों की हवा निकाली गई

अजमेर बंद के दौरान कई इलाकों में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने टेम्पो, ई-रिक्शा और अन्य सार्वजनिक वाहनों की हवा निकाल दी। दरगाह बाजार में कुछ दुकानें खुली मिलीं, जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने जबरन बंद करवाया। हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं पर बंद का असर नहीं पड़ा। स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी जैसी आवश्यक सेवाएं जारी रहीं।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य पहुंचे बिजयनगर

बिजयनगर रेप और ब्लैकमेलिंग कांड की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियांक कानूनगो शनिवार को बिजयनगर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित बच्चियों और उनके परिवारों से मुलाकात की और मामले की जानकारी ली। कानूनगो ने बताया कि स्कूल में नाबालिग बच्चियों को पहले प्रलोभन देकर दोस्ती की गई, फिर उनका यौन शोषण किया गया और ब्लैकमेल किया गया। उन्होंने कहा कि इस कांड में कई और बच्चियों के भी पीड़ित होने की संभावना है और इसलिए मामले की गहराई से जांच की जानी चाहिए।

पीड़ित बच्चियों के लिए राहत और सहायता

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने पीड़ित बच्चियों को सहायता देने की घोषणा की है। आयोग ने निर्देश दिए हैं कि बच्चियों की पढ़ाई फिर से शुरू करवाई जाए और उन्हें 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा, आयोग ने यह भी कहा कि एक महीने तक बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर शिकायत पेटियां रखी जाएंगी, जिसमें बिना नाम बताए शिकायत दर्ज की जा सकेगी।

बिजयनगर कांड पर जनता में आक्रोश, कड़ी सजा की मांग

इस जघन्य अपराध के विरोध में पूरे राजस्थान में जनता में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। प्रदर्शनकारी दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने सरकार से महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की है। राज्य प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।

बिजयनगर रेप-ब्लैकमेल कांड: क्या है पूरा मामला?

बिजयनगर स्थित एक स्कूल में कुछ नाबालिग छात्राओं को पहले दोस्ती का लालच देकर फंसाया गया, फिर उनका यौन शोषण किया गया। इस कांड में शामिल अपराधियों ने छात्राओं के साथ अश्लील वीडियो बनाए और उन्हें ब्लैकमेल किया। इस घटना के बाद जब मामला सामने आया, तो पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया और इसके विरोध में अजमेर बंद का आह्वान किया गया।

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