मनीषा शर्मा। राजस्थान के राजसमंद जिले की नाथद्वारा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। इस बार उन्होंने नाथद्वारा में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि नाथद्वारा की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान बनी रहनी चाहिए, इसलिए यहां नॉनवेज और शराब की बिक्री बंद होनी जरूरी है।
नाथद्वारा की सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने की जरूरत
नाथद्वारा को भगवान श्रीनाथजी के मंदिर के लिए जाना जाता है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। विधायक विश्वराज मेवाड़ ने कहा कि 350 साल पहले महाराजा राज सिंह जी ने श्रीनाथजी की मूर्ति की स्थापना की थी, जब मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मंदिरों को तोड़ा जा रहा था। तभी से नाथद्वारा एक धार्मिक नगरी के रूप में स्थापित हुआ, और अब इसकी संस्कृति और पहचान को बनाए रखना आवश्यक है।
मेवाड़ ने स्पष्ट किया कि भावनाएं पहचान से जुड़ी होती हैं, और यदि किसी स्थान की पहचान को बदला जाएगा, तो उसकी भावनात्मक एवं सांस्कृतिक धरोहर भी प्रभावित होगी। इसीलिए उन्होंने राजस्थान सरकार से नाथद्वारा की सीमाओं के भीतर मांस और शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
जनता से किए गए वादों पर बोले विधायक
विधायक बनने के बाद किए गए वादों पर बात करते हुए विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कोई बड़े वादे नहीं किए थे। बल्कि उन्होंने जनता से केवल यही कहा था कि वे उनकी समस्याओं का समाधान करने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि वे अपने कामों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर चुके हैं, जिसे जनता के सामने भी रखा गया है। वह अपनी विधानसभा में विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं और जनता की सभी समस्याओं को हल करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
सांसद-पत्नी के साथ काम करने को लेकर प्रतिक्रिया
राजस्थान में विश्वराज सिंह मेवाड़ एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जिनकी पत्नी उसी क्षेत्र से सांसद हैं। इस पर उन्होंने कहा कि सांसद और विधायक के कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हैं। विधायक के पास विधायक कोष होता है, जबकि सांसद के पास पूरे संसदीय क्षेत्र के लिए सांसद कोष होता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपनी सांसद पत्नी से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे काम को लेकर बातचीत और समन्वय आसान हो जाता है।
पूर्व मेवाड़ राजपरिवार विवाद पर बोले – प्रशासन की लापरवाही से हुआ सब गलत
हाल ही में पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के आंतरिक विवाद को लेकर काफी हंगामा हुआ था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्वराज मेवाड़ ने कहा कि यह विवाद प्रशासन की लापरवाही की वजह से बढ़ा। उन्होंने कहा कि सिर्फ मंदिर दर्शन को लेकर इतना बड़ा विवाद नहीं होना चाहिए था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका परिवार हमेशा कानून का पालन करता है और इस विवाद के दौरान भी उनके समर्थकों ने कोई अनुचित कदम नहीं उठाया। लेकिन प्रशासन ने समस्या को सही ढंग से हल नहीं किया, जिससे मामला और उलझ गया।
क्या विश्वराज सिंह मेवाड़ मंत्री बनेंगे?
राजसमंद जिले से इस बार किसी भी नेता को मंत्री पद नहीं मिला है। जब विधायक से पूछा गया कि क्या उन्हें मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद मंत्री पद मिल सकता है, तो उन्होंने कहा कि वे फिलहाल बतौर विधायक ही अपने क्षेत्र की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैं पहली बार विधायक बना हूं और अभी मेरा पूरा ध्यान क्षेत्र की समस्याओं को हल करने पर है। भविष्य में क्या होगा, यह तो भगवान के हाथ में है, मैं बस अपने काम को ईमानदारी से कर रहा हूं।”
विधानसभा विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया
हाल ही में राजस्थान विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद काफी बढ़ गया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्वराज सिंह मेवाड़ ने इसे शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थान को संस्कृति और सभ्यता का केंद्र माना जाता है, लेकिन विधानसभा में जिस तरह की घटनाएं हुईं, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक मर्यादा और गरिमा होनी चाहिए, और सभी को अपने व्यवहार और भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए।
नाथद्वारा में मांस-शराब बैन की मांग पर राजनीतिक हलचल
नाथद्वारा में मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध की मांग ने राजनीतिक हलचल भी पैदा कर दी है। जहां धार्मिक संगठनों और कई हिंदू संगठनों ने विधायक की मांग का समर्थन किया है, वहीं कुछ राजनीतिक दलों और स्थानीय व्यापारियों ने इसका विरोध किया है।