मनीषा शर्मा, अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले में पहली बार जल महोत्सव का आयोजन किया गया, जो जल संरक्षण और स्वच्छता के महत्व को उजागर करता है। यह महोत्सव फॉयसागर झील पर राज्य सरकार की पहल के तहत आयोजित किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में हुई अच्छी वर्षा के लिए ईश्वर और इन्द्र देव के प्रति आभार व्यक्त करना था।
महोत्सव का आयोजन एक विशेष अवसर के रूप में किया गया, जिसमें झील की पूजा और आरती की गई। इस आयोजन में आध्यात्मिक माहौल के साथ मंत्रोच्चारण और हरि नाम संकीर्तन भी किया गया, जिससे हजारों लोग झील पर जुटे। यह आयोजन जल झूलनी एकादशी के पौराणिक महत्व को भी दर्शाता है, जो भगवान श्री विष्णु से जुड़ी है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया और कहा कि यह पहल राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
जल झूलनी एकादशी का महत्व
वासुदेव देवनानी ने बताया कि जल झूलनी एकादशी का पौराणिक महत्व है, जो हमें जल के महत्व को समझाती है। इस वर्ष प्रदेश में अत्यधिक अच्छी वर्षा हुई है, जिससे बीसलपुर, आनासागर, फॉयसागर, पुष्कर और चौरासियावास सहित 83% बांध पूरी तरह से भर गए हैं। उन्होंने जोर दिया कि अब समय आ गया है कि हम जल के संरक्षण, संवर्धन और सदुपयोग के प्रति अधिक जागरूक बनें।
उन्होंने बताया कि अजमेर में भी इस साल बहुत अधिक बारिश हुई है, जिससे कुछ क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। हालांकि, राज्य सरकार के लगातार प्रयासों के बाद पानी की निकासी कर दी गई। देवनानी ने यह भी कहा कि भविष्य में जलभराव की समस्या से बचने के लिए दीर्घकालिक ड्रेनेज व्यवस्था पर काम शुरू किया जाएगा। इसके तहत 1936 से पहले की ड्रेनेज व्यवस्था को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई जाएगी।
जलापूर्ति के लिए नई योजनाएं
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि अजमेर शहर में जलापूर्ति के लिए बीसलपुर बांध पर निर्भरता को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। फॉयसागर झील से भी जलापूर्ति की दिशा में काम हो रहा है। इसके साथ ही, राज्य सरकार की बजट घोषणाओं में पेयजल के लिए जो नए प्रावधान किए गए हैं, वे शहर के लिए जलापूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
किसानों के हित में राज्य मंत्री की घोषणा
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने महोत्सव के दौरान जल और प्रकृति के संरक्षण की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में सदैव से जल का पूजन किया जाता रहा है, और अब हमें जल और प्रकृति के संरक्षण के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है। श्री चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयों का भी उल्लेख किया। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की बात की और कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि उनकी आमदनी में वृद्धि हो और उनके परिवार व पशुओं को भी लाभ हो।
जलभराव से बचाव के लिए नई योजना
देवनानी ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि अजमेर में जलभराव से बचने के लिए ड्रेनेज प्रणाली को सुधारने पर विचार किया जा रहा है। 1936 से पहले की ड्रेनेज व्यवस्था को फिर से लागू करने के लिए विशेषज्ञों और सोसाइटी के विचारों को ध्यान में रखते हुए एक दीर्घकालिक योजना तैयार की जाएगी। इसके तहत, शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए ठोस व्यवस्था की जाएगी।
महोत्सव में झील की पूजा और जल संरक्षण की शपथ
इससे पूर्व, वासुदेव देवनानी, भागीरथ चौधरी, संभागीय आयुक्त महेश चन्द्र शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश, जिला कलेक्टर लोक बन्धु और प्रधान सीमा रावत सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने झील का पूजन किया। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना ने महोत्सव का परिचय देते हुए जिले में बांधों की भराव प्रगति की जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान, जल संरक्षण और स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त नित्या के., प्रशिक्षु आईएएस महिमा कसाना, एडीएम सिटी गजेन्द्र सिंह राठौड़ और अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। संचालन का कार्य वर्तिका शर्मा ने किया। जल महोत्सव का यह आयोजन न केवल प्रदेश में हुई अच्छी वर्षा का जश्न मनाने का एक अवसर था, बल्कि इसके माध्यम से जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी किया गया। इस तरह के आयोजन से समाज में जल के महत्व को समझने और उसे संरक्षित करने की भावना को प्रोत्साहन मिलेगा।