शोभना शर्मा। राजस्थान के देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता में एक गंभीर घटना ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने SDM अमित कुमार को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए। इस घटना का वीडियो वायरल होने के साथ ही, पूरे राज्य में बवाल मच गया। हिंसा के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, और कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
घटना कैसे हुई?
टोंक की DM सौम्या झा, जो इस उपचुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी भी थीं, ने SDM अमित कुमार को समरावता गांव भेजा था। यह इलाका उस वक्त चर्चा में था क्योंकि ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था। DM सौम्या झा के आदेश पर अमित कुमार ने मौके पर जाकर स्थिति को संभालने की कोशिश की।
DM का आदेश क्या था?
सौम्या झा ने बताया कि नरेश मीणा और ग्रामीण मतदान का बहिष्कार कर रहे थे। उन्होंने नरेश मीणा से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद SDM अमित कुमार को यह निर्देश दिया गया कि वह मौके पर जाएं और बात करें। अमित कुमार के अनुसार, उन्होंने सरकारी कर्मचारियों और कुछ ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की ताकि मतदान का बहिष्कार 100% न हो।जब SDM ने मीणा से बात करने की कोशिश की, तो विवाद हो गया। इसी बीच, गुस्साए नरेश मीणा ने SDM को थप्पड़ मार दिया।
घटनास्थल पर तनाव
थप्पड़ की घटना के बाद समरावता में हिंसा भड़क गई। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना के बाद RAS एसोसिएशन और अन्य संगठनों ने भी प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं, नरेश मीणा और उनके समर्थकों ने SDM के खिलाफ आरोप लगाए।
सौम्या झा का बयान
DM सौम्या झा ने इस पूरे मामले में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, “मैंने SDM अमित कुमार को केवल बात करने और स्थिति को संभालने के लिए भेजा था। हमारी कोशिश थी कि ग्रामीणों की समस्याओं को शांति से समझा जाए। लेकिन घटना दुर्भाग्यपूर्ण रही।”
कौन हैं सौम्या झा?
सौम्या झा मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं। 2017 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल करने के बाद वह IAS बनीं। शुरुआत में उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर मिला, लेकिन राजस्थान के IAS अक्षय गोदारा से शादी के बाद उन्होंने राजस्थान कैडर में अपना स्थानांतरण करवा लिया।
टोंक DM बनने से पहले, सौम्या झा ने जयपुर जिला परिषद की सीईओ और उदयपुर में SDM के रूप में काम किया। 2024 की शुरुआत में उन्हें टोंक का कलेक्टर नियुक्त किया गया।