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क्या है एक्सपेंस रेश्यो? म्यूचुअल फंड निवेश से पहले जानें इसका महत्व

क्या है एक्सपेंस रेश्यो? म्यूचुअल फंड निवेश से पहले जानें इसका महत्व

शोभना शर्मा। आज के समय में एसआईपी (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। यह डायरेक्ट शेयरों में निवेश की तुलना में कम जोखिमभरा और वेल्थ क्रिएशन के लिए एक प्रभावी साधन माना जाता है। औसतन 12% के रिटर्न के साथ, यह लॉन्ग टर्म में अच्छा मुनाफा देता है।

हालांकि, निवेश से पहले यह समझना बेहद जरूरी है कि एक्सपेंस रेश्यो (Expense Ratio) आपके रिटर्न को कैसे प्रभावित कर सकता है। यह मुनाफे में सेंध लगाने वाला एक महत्वपूर्ण फैक्टर है जिसे अक्सर निवेशक नजरअंदाज कर देते हैं।

क्या होता है एक्सपेंस रेश्यो?

एक्सपेंस रेश्यो वह फीस है, जो फंड मैनेजमेंट से जुड़े खर्चों के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) इन्वेस्टर्स से वसूलती हैं। इसमें शामिल होते हैं:

  • फंड का प्रबंधन खर्च
  • मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन लागत
  • लीगल, ऑडिटिंग, और कस्टोडियन फीस

इन खर्चों को घटाने के बाद म्यूचुअल फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) तय की जाती है। सरल भाषा में, यह वह राशि है जो फंड हाउस आपके निवेश पोर्टफोलियो को मैनेज करने के लिए लेता है।

कैसे वसूला जाता है एक्सपेंस रेश्यो?

  • यह एक बार में वसूल नहीं किया जाता।
  • इसे डेली बेसिस पर कैलकुलेट किया जाता है और एनुअल एक्सपेंस रेश्यो साल के कुल ट्रेडिंग डेज में विभाजित होता है।
  • यह सीधे तौर पर आपके रिटर्न को प्रभावित करता है।

कैसे तय होता है एक्सपेंस रेश्यो?

हर फंड हाउस अपने हिसाब से एक्सपेंस रेश्यो तय करता है।

  • बड़े फंड्स का रेश्यो आमतौर पर कम होता है।
  • छोटे फंड्स का रेश्यो ज्यादा हो सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी फंड का रिटर्न 12% है और एक्सपेंस रेश्यो 1.5% है, तो आपको वास्तविक रिटर्न 10.5% मिलेगा।

कई प्रकार के म्यूचुअल फंड्स में अंतर

  1. इक्विटी फंड्स (Equity Funds):
    शेयर बाजार में निवेश करते हैं और उच्च जोखिम के साथ उच्च रिटर्न की संभावना देते हैं।
  2. डेट फंड्स (Debt Funds):
    निश्चित आय वाले साधनों जैसे ट्रेजरी बिल, कॉर्पोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
  3. हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds):
    इक्विटी और डेट फंड्स का संयोजन होते हैं, जिससे जोखिम और रिटर्न का संतुलन मिलता है।

एक्सपेंस रेश्यो का निवेश पर प्रभाव

  • लो एक्सपेंस रेश्यो: लंबे समय में अधिक रिटर्न देता है।
  • हाई एक्सपेंस रेश्यो: निवेशकों के रिटर्न में कमी ला सकता है।

निवेश से पहले एक्सपेंस रेश्यो को ध्यान में क्यों रखें?

  1. लॉन्ग-टर्म रिटर्न पर असर:
    लंबे समय में उच्च एक्सपेंस रेश्यो आपके रिटर्न को कम कर सकता है।
  2. सही फंड का चुनाव:
    कम एक्सपेंस रेश्यो वाले फंड्स का चयन करना फायदेमंद हो सकता है।
  3. ट्रांसपेरेंसी:
    एक्सपेंस रेश्यो आपको यह समझने में मदद करता है कि फंड हाउस आपके निवेश पर कितना शुल्क ले रहा है।

कैसे करें सही फंड का चयन?

  • फंड की पिछली परफॉर्मेंस और एक्सपेंस रेश्यो की तुलना करें।
  • सुनिश्चित करें कि फंड का एक्सपेंस रेश्यो उद्योग के मानकों के अनुसार हो।
  • अपनी निवेश रणनीति और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर फंड का चुनाव करें।

 

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