मनीषा शर्मा। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार के बजट 2025-26 पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल उठाया कि 2022 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के वादे का अब कोई जिक्र क्यों नहीं किया जा रहा है? गहलोत ने कहा कि यह बजट महंगाई, बेरोजगारी और व्यापार घाटे से राहत देने में असफल साबित हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर लोकलुभावन घोषणाएं की हैं, जो देश पर कर्ज का बोझ बढ़ाएंगी।
गहलोत ने कहा कि इस बजट में देश के दो सबसे बड़े मुद्दों – महंगाई और बेरोजगारी का कोई उल्लेख नहीं किया गया। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब तमाम रिपोर्ट्स और एजेंसियों के आंकड़े बता रहे हैं कि देश में बेरोजगारी और महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर हैं, तब बजट में इन मुद्दों की अनदेखी क्यों की गई?
5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का वादा क्यों भूली सरकार?
अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2022 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का वादा किया गया था, लेकिन अब इस लक्ष्य का कोई जिक्र नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट की ओर जा रही है, व्यापार घाटा बढ़ रहा है और डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है।
गहलोत ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य पूरा हो चुका है या फिर इसे चुपचाप भुला दिया गया है? उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और व्यापार घाटे के बीच सरकार की आर्थिक नीतियां पूरी तरह विफल साबित हो रही हैं।
जल जीवन मिशन पर केंद्र सरकार की अनदेखी
अशोक गहलोत ने जल जीवन मिशन को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार पर बार-बार जल जीवन मिशन के धीमे क्रियान्वयन के आरोप लगाए गए थे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने खुद ही इसकी समयसीमा 2028 तक बढ़ा दी है।
गहलोत ने कहा कि पहले 2022, फिर 2024 और अब 2028 – इससे साफ होता है कि केंद्र सरकार ने बिना किसी ठोस प्लानिंग के इस योजना को लागू किया था। उन्होंने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य की समस्याओं को समझने की कोशिश तक नहीं की।
ERCP और यमुना जल समझौते पर कोई घोषणा क्यों नहीं?
अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की जनता को उम्मीद थी कि इस बजट में ERCP (Eastern Rajasthan Canal Project) और यमुना जल समझौते को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के लिए यह दोनों परियोजनाएं बेहद जरूरी हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य के साथ भेदभाव किया है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान के किसानों और आम जनता की जरूरतों को नजरअंदाज करना केंद्र सरकार की नीति बन चुकी है।
MSP पर सरकार की चुप्पी और किसानों के साथ अन्याय
गहलोत ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है, लेकिन सरकार ने MSP पर कोई ठोस घोषणा नहीं की।
- MSP पर कानून बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन सरकार इसे लागू करने से बच रही है।
- राजस्थान में रोजाना MSP के बिना फसलों की बिक्री के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार ने इस पर भी चुप्पी साध ली है।
गहलोत ने कहा कि अगर सरकार किसानों के हित में काम कर रही होती, तो आज के बजट में MSP को कानूनी रूप देने की घोषणा जरूर की जाती।
पेट्रोल-डीजल और गैस सब्सिडी पर राहत क्यों नहीं?
अशोक गहलोत ने कहा कि देश की जनता को उम्मीद थी कि इस बजट में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाया जाएगा, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
- देश में पिछले 11 सालों से पेट्रोल-डीजल पर भारी टैक्स लगाकर जनता को लूटा जा रहा है।
- गैस सब्सिडी में भी कटौती कर दी गई है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।
- महंगी रसोई गैस के कारण गरीब परिवारों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।
गहलोत ने कहा कि जब सरकार आम लोगों की जरूरतों को ही अनदेखा कर दे, तो यह साफ संकेत है कि बजट केवल अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
छोटे व्यापारियों की अनदेखी
गहलोत ने कहा कि सरकार ने इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी है, लेकिन इसे सिर्फ नौकरीपेशा लोगों तक सीमित रखा गया है।
- भारत में करोड़ों छोटे व्यापारी हैं, जिन्हें इस टैक्स छूट में शामिल किया जाना चाहिए था।
- छोटे व्यापारी पहले ही जीएसटी के बोझ से परेशान हैं, लेकिन बजट में उनके लिए कोई राहत नहीं दी गई।
गहलोत ने कहा कि सरकार को केवल बड़े उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट्स की चिंता है, जबकि छोटे व्यापारियों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।