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क्यों बैठकर पानी पीना है सेहत के लिए जरूरी?

क्यों बैठकर पानी पीना है सेहत के लिए जरूरी?

मनीषा शर्मा।  पानी हमारे जीवन का मूल आधार है। यह हमारे शरीर के हर अंग के सुचारू रूप से काम करने के लिए आवश्यक है। हालांकि, पानी पीने का तरीका भी हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में बैठकर पानी पीने की सलाह दी जाती है। यह तरीका न केवल शरीर के लिए लाभकारी है, बल्कि यह हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।

 बैठकर पानी पीने का महत्व

बैठकर पानी पीने का महत्व केवल आयुर्वेद तक सीमित नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह आदत स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तो पानी सीधे और तेजी से किडनी और पाचन तंत्र में प्रवेश करता है, जिससे शरीर पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। इसके विपरीत, बैठकर पानी पीने से पानी धीरे-धीरे शरीर में अवशोषित होता है, जिससे इसका प्रभाव अधिक सकारात्मक होता है।

बैठकर पानी पीने के फायदे

1. पाचन में सुधार

बैठकर पानी पीने से पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब हम बैठकर पानी पीते हैं, तो यह पेट में समान रूप से फैलता है, जिससे भोजन पचाने में मदद मिलती है। इससे एसिडिटी, गैस और अन्य पाचन समस्याओं में राहत मिलती है।

2. किडनी के लिए फायदेमंद

खड़े होकर पानी पीने से किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है। बैठकर पानी पीने से यह दबाव कम होता है और किडनी बेहतर तरीके से काम करती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।

3. शरीर का तापमान नियंत्रित करना

गर्मियों में शरीर का तापमान बढ़ जाता है, और ऐसे में बैठकर पानी पीने से यह संतुलित रहता है। यह हाइड्रेशन को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे शरीर की ऊर्जा बनी रहती है।

4. तनाव कम करना

बैठकर पानी पीने से मानसिक शांति मिलती है। यह आदत नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करती है, जिससे मानसिक थकान और तनाव कम होता है।

5. शरीर को ऊर्जा प्रदान करना

सही तरीके से पानी पीने से शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है। यह थकान को कम करता है और दिनभर सक्रिय रहने में मदद करता है।

6. हृदय स्वास्थ्य में सुधार

बैठकर पानी पीने से रक्त संचार बेहतर होता है। यह हृदय पर अनावश्यक दबाव नहीं डालता और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सुचारू बनाता है।

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

आयुर्वेद में कहा गया है कि पानी को धीरे-धीरे और बैठकर पीना चाहिए। यह शरीर की प्राणशक्ति को बढ़ाता है। आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से वात दोष बढ़ता है, जो जोड़ों के दर्द और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

सही तरीके से पानी पीने के टिप्स

  1. बैठकर पानी पिएं: बैठने की स्थिति में पानी पीने से यह शरीर में धीरे-धीरे अवशोषित होता है।
  2. घूंट-घूंट करके पिएं: पानी को एक ही बार में न पीएं, बल्कि छोटे-छोटे घूंट लें।
  3. गुनगुना पानी पिएं: ठंडा पानी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। गुनगुना या कमरे के तापमान का पानी पिएं।
  4. खाने से पहले और बाद में पानी पिएं: खाने के तुरंत बाद पानी पीने से बचें। खाना खाने के 30 मिनट बाद पानी पीना सबसे अच्छा है।

पानी पीने से जुड़े अन्य स्वास्थ्य लाभ

1. त्वचा की चमक बढ़ाना

पानी पीने से त्वचा में नमी बनी रहती है, जिससे यह चमकदार और स्वस्थ दिखती है।

2. वजन कम करने में मदद

पानी मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और भूख को नियंत्रित करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

3. डिटॉक्सिफिकेशन में मदद

पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे आंतरिक अंग स्वस्थ रहते हैं।

4. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना

पानी पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

 पानी पीने में आम गलतियां

  1. खड़े होकर पानी पीना: खड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  2. जल्दी-जल्दी पानी पीना: पानी को तेजी से पीने के बजाय धीरे-धीरे पीना चाहिए।
  3. भोजन के तुरंत बाद पानी पीना: यह पाचन प्रक्रिया को बाधित कर सकता है।
  4. ठंडा पानी पीना: ठंडा पानी शरीर के अंगों पर झटका दे सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

बैठकर पानी पीने के फायदे न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा को भी बढ़ाते हैं। यह एक साधारण आदत है, जिसे अपनाकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों इस बात की पुष्टि करते हैं कि पानी पीने का सही तरीका हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसलिए, अगली बार जब आप पानी पिएं, तो इसे बैठकर और धीरे-धीरे पीने की कोशिश करें। यह आपके शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होगा।

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