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स्मार्टफोन SAR वैल्यू: रेडिएशन लेवल चेक करना क्यों है जरूरी

स्मार्टफोन SAR वैल्यू: रेडिएशन लेवल चेक करना क्यों है जरूरी

शोभना शर्मा।  आजकल स्मार्टफोन का उपयोग हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है। हम जब भी नया स्मार्टफोन खरीदने जाते हैं, तो उसका कैमरा, रैम, स्टोरेज और प्रोसेसर जैसी तकनीकी विशेषताओं को ध्यान में रखते हैं। लेकिन एक महत्वपूर्ण पहलू जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, वह है स्मार्टफोन का रेडिएशन लेवल। स्मार्टफोन के रेडिएशन का अधिकतम स्तर मानक से अधिक हो सकता है, जिससे हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इसलिए, स्मार्टफोन खरीदते समय SAR वैल्यू चेक करना जरूरी हो जाता है।

SAR वैल्यू क्या होती है?

SAR (Specific Absorption Rate) वैल्यू किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जैसे स्मार्टफोन से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी को मापने का तरीका है। यह वैल्यू बताती है कि आपके शरीर के ऊतक किस दर से इन वेव्स को सोखते हैं। इसे वॉट प्रति किलोग्राम (W/kg) में मापा जाता है। स्मार्टफोन से निकलने वाली वेव्स स्थिर नहीं होतीं; जब आप फोन का ज्यादा उपयोग करते हैं या मल्टीटास्किंग करते हैं, तो ये वेव्स बढ़ जाती हैं और जब फोन का उपयोग कम होता है, तो ये घट जाती हैं।

मोबाइल फोन की सुरक्षित SAR वैल्यू

भारत में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने SAR वैल्यू की अधिकतम सीमा 1.6 W/kg तय की है। इसका मतलब है कि 1 किलोग्राम शरीर के टिशू अधिकतम 1.6 वॉट तरंगों को ही सोख सकते हैं। अगर किसी स्मार्टफोन की SAR वैल्यू इससे ज्यादा होती है, तो इससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अलग-अलग देशों ने SAR वैल्यू के लिए अलग मानक तय किए हैं, लेकिन भारत में यह सीमा 1.6 W/kg है।

स्मार्टफोन के रेडिएशन से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स

स्मार्टफोन के रेडिएशन के संपर्क में आने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। EMF (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड) से जुड़ी एक प्रसिद्ध स्टडी के अनुसार, मोबाइल फोन का लंबे समय तक उपयोग नींद को प्रभावित कर सकता है। मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं में सामान्य से ज्यादा थकान, सिरदर्द, आंखों में दर्द और नींद न आने की समस्याएं देखी गई हैं।

हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि मोबाइल फोन से रेडिएशन के कारण ब्रेन कैंसर होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक हालिया स्टडी ने यह स्पष्ट किया है कि मोबाइल फोन और वायरलेस टेक्नोलॉजी से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के कारण डीएनए को कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन फिर भी, लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और इससे सिरदर्द, थकान और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

स्मार्टफोन की SAR वैल्यू कैसे चेक करें?

स्मार्टफोन की SAR वैल्यू चेक करना काफी आसान है। एंड्रॉइड और iPhone दोनों डिवाइसों में इसे चेक करने के अलग-अलग तरीके हैं।

एंड्रॉइड स्मार्टफोन में SAR वैल्यू चेक करने के स्टेप्स:

  1. सेटिंग्स के ऑप्शन में जाएं।
  2. “अबाउट फोन” के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  3. “लीगल इनफॉर्मेशन” पर टैप करें।
  4. “सेफ्टी इनफॉर्मेशन” पर जाएं।
  5. वहां RF एक्सपोजर सेक्शन में अपनी फोन की SAR वैल्यू चेक करें।

iPhone में SAR वैल्यू चेक करने के स्टेप्स:

  1. सेटिंग्स में जाकर “जनरल” के ऑप्शन पर क्लिक करें।

  2. “लीगल एंड रेगुलेटरी” पर जाएं।

  3. RF एक्सपोजर पर टैप करें।

  4. इसके बाद, SAR वैल्यू की जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें। यह आपको एक वेब ब्राउजर पेज पर ले जाएगा, जहां iPhone डिवाइस की रेडिएशन वैल्यू की जानकारी मिलेगी।

स्मार्टफोन रेडिएशन से बचने के तरीके

स्मार्टफोन से निकलने वाले रेडिएशन को पूरी तरह से रोकना तो संभव नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है:

  1. स्मार्टफोन को सिरहाने न रखें: रात को सोते समय स्मार्टफोन को अपने सिर से दूर रखें।
  2. हैंड्स-फ्री डिवाइस का उपयोग करें: फोन कॉल के दौरान हेडसेट या ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग करें ताकि आपके सिर और फोन के बीच दूरी बनी रहे।
  3. फोन को गर्म होने से बचाएं: स्मार्टफोन का उपयोग करते समय अगर यह ज्यादा गर्म हो जाता है, तो इसे तुरंत इस्तेमाल न करें। फोन का तापमान बढ़ने से हीटिंग रेडिएशन भी बढ़ता है।
  4. लिमिटेड एक्सपोजर: स्मार्टफोन का ज्यादा उपयोग करने से बचें। दिन में थोड़ी देर के लिए फोन को स्विच ऑफ करना भी अच्छा हो सकता है।
  5. SAR वैल्यू वाली डिवाइस चुनें: नया स्मार्टफोन खरीदते समय उसकी SAR वैल्यू को जरूर चेक करें। हमेशा ऐसी डिवाइस चुनें जिसकी SAR वैल्यू कम हो।

SAR वैल्यू ज्यादा होने से संभावित स्वास्थ्य समस्याएं

अगर आपके स्मार्टफोन की SAR वैल्यू अधिक है, तो इसके कारण आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इनमें प्रमुख हैं:

  • सिरदर्द: लगातार फोन का उपयोग करने से सिरदर्द की समस्या हो सकती है।

  • थकान: मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन के संपर्क में आने से शरीर में थकान बढ़ सकती है।

  • नींद की समस्याएं: रेडिएशन नींद के पैटर्न को बाधित कर सकता है और अनिद्रा की समस्या पैदा कर सकता है।

  • आंखों में दर्द: लंबे समय तक फोन की स्क्रीन देखने से आंखों में दर्द हो सकता है।

SAR वैल्यू की जागरूकता जरूरी

यह बात अब स्पष्ट हो चुकी है कि स्मार्टफोन खरीदते समय केवल उसकी फीचर्स या स्पेसिफिकेशन पर ध्यान देना ही पर्याप्त नहीं है। SAR वैल्यू चेक करना भी उतना ही जरूरी है। इससे आप अपने स्वास्थ्य को बिना किसी अतिरिक्त जोखिम के बचा सकते हैं। SAR वैल्यू के बारे में जागरूकता बढ़ने से लोग अपने स्मार्टफोन उपयोग के दौरान सतर्क हो सकते हैं और स्मार्टफोन रेडिएशन के खतरों से बच सकते हैं।

स्मार्टफोन आज हमारी दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है, लेकिन इसके साथ जुड़े रेडिएशन के खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। SAR वैल्यू के बारे में जानकारी होना और इसे नियमित रूप से चेक करना जरूरी है। स्मार्टफोन के रेडिएशन से बचने के लिए कुछ सावधानियों को अपनाकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकते हैं।

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