शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को लेकर नई अटकलें लगाई जा रही हैं। हाल ही में एक शादी समारोह के दौरान जब एक बीजेपी कार्यकर्ता ने उनसे दोबारा मुख्यमंत्री बनने की अपील की, तो उनका जवाब मुस्कान के साथ आया। यह हल्की-फुल्की बातचीत अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।
बीजेपी नेता ने पूछा – ‘आप दोबारा मुख्यमंत्री बन जाओ’
सोमवार, 3 फरवरी को वसुंधरा राजे पाली जिले के बाली उपखंड के बारवा गांव में एक विवाह समारोह में शामिल होने पहुंची थीं। वहां, जब वह रास्ते से गुजर रही थीं, तब स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसी दौरान सादड़ी में बीजेपी मंडल के एक स्थानीय कार्यकर्ता अनिल ने वसुंधरा राजे से कहा, “मैडम, आप दोबारा सीएम बन जाओ।” इस पर राजे ने मुस्कुराते हुए अपने दोनों हाथ दिखाए और जवाब दिया, “मेरे हाथ में है क्या?” भीड़ में खड़े कुछ लोगों ने यह जवाब ठीक से नहीं सुना, तो कार्यकर्ता अनिल ने दोबारा अपनी बात दोहराई। इस पर वसुंधरा राजे ने फिर से वही जवाब दिया, “मेरे हाथ में है क्या?” इस पर कार्यकर्ता अनिल ने जवाब दिया, “आपके ही हाथ में है।” यह सुनकर वसुंधरा राजे फिर मुस्कुरा उठीं।
सियासत गरमाने के संकेत
वसुंधरा राजे का यह जवाब जितना सहज और हल्का-फुल्का था, उतना ही राजनीतिक मायनों से भरा हुआ भी। उन्होंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री बनने से इनकार नहीं किया, बल्कि एक संकेत छोड़ दिया कि यह फैसला उनके हाथ में नहीं है, बल्कि पार्टी नेतृत्व और जनता के फैसले पर निर्भर करता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनके इस जवाब से अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या वे आने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो सकती हैं?
अविनाश गहलोत का वीडियो भी बना चर्चा का विषय
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें वह कहते दिख रहे हैं कि “हमारी सरकार तो पर्ची से ही चल रही है।” इस बयान पर विपक्षी दल बीजेपी ने जोरदार हमला बोल दिया है। विपक्ष का कहना है कि जब खुद सरकार के मंत्री यह स्वीकार कर रहे हैं कि उनकी सरकार पर्ची से चल रही है, तो यह साफ दर्शाता है कि मौजूदा प्रशासन में स्थायित्व की कमी है। हालांकि, बाद में अविनाश गहलोत ने इस बयान पर सफाई दी और कहा कि उन्होंने यह बयान विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए दिया था, न कि अपनी सरकार की आलोचना के लिए।
वसुंधरा राजे की सक्रियता बढ़ रही है
पिछले कुछ महीनों से वसुंधरा राजे लगातार राजनीतिक रूप से सक्रिय हो रही हैं। चाहे पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलना हो, धार्मिक आयोजनों में शामिल होना हो या फिर जनता के मुद्दों पर अपनी राय रखना हो, वह लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। वसुंधरा राजे राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं—पहली बार 2003 से 2008 तक और दूसरी बार 2013 से 2018 तक। हालांकि, 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस सत्ता में आ गई थी।अब जब अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी हो रही है, तो यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या वसुंधरा राजे एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की दावेदार बन सकती हैं?
बीजेपी में नेतृत्व को लेकर अंतर्कलह?
राजस्थान बीजेपी में पिछले कुछ समय से नेतृत्व को लेकर अंदरूनी खींचतान की खबरें भी आ रही हैं। पार्टी में गुटबाजी की बातें भी चर्चा में हैं। वसुंधरा राजे के समर्थकों का मानना है कि उनके नेतृत्व में ही बीजेपी राजस्थान में मजबूत हो सकती है। वहीं, पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि बीजेपी किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे करे। हालांकि, वसुंधरा राजे ने अभी तक खुलकर मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर नहीं की है। लेकिन उनके हालिया बयान और राजनीतिक गतिविधियां यह संकेत जरूर दे रही हैं कि वे राजस्थान की राजनीति में अभी भी एक मजबूत खिलाड़ी हैं।
वसुंधरा राजे के हालिया बयान के बाद सियासी चर्चाओं को नया ईंधन मिल गया है। उन्होंने भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया हो, लेकिन इसके पीछे छिपे राजनीतिक संकेतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राजस्थान बीजेपी के भीतर चल रही उठापटक और नेतृत्व को लेकर जारी बहस को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे की क्या भूमिका रहती है। क्या वे एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की दावेदार बनेंगी, या फिर बीजेपी किसी नए चेहरे को आगे करेगी? फिलहाल, उनके समर्थक उनकी वापसी को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान और जनता के हाथ में है।