शोभना शर्मा । राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक को 8 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 4.55 लाख रुपये की ठगी की गई। यह घटना जयपुर के वैशाली नगर इलाके में हुई, जहां साइबर अपराधियों ने एक प्रतिष्ठित परिवार के युवक को अपना शिकार बनाया। अपराधियों ने खुद को विभिन्न सरकारी एजेंसियों जैसे आरबीआई, सीबीआई, ईडी और हैदराबाद पुलिस के अधिकारी बताकर युवक को 712 करोड़ रुपये की टेरर फंडिंग केस में फंसाने की धमकी दी।
यह सब 1 अगस्त से शुरू हुआ, जब साइबर अपराधियों ने युवक से संपर्क कर उसे बताया कि उसके क्रेडिट कार्ड में कुछ फॉल्ट है। युवक ने जब इस बात से इनकार किया, तो अपराधियों ने उसे 9 मई को क्रेडिट कार्ड से जुड़ा कोई इशू होने का बहाना बनाकर हैदराबाद पुलिस से बात करने को कहा। अपराधियों ने एक फर्जी महिला अधिकारी बनकर युवक को 712 करोड़ रुपये की टेरर फंडिंग में शामिल होने का झूठा आरोप लगाकर ब्लैकमेल किया।
इसके बाद, अपराधियों ने युवक को अलग-अलग नंबरों से कॉल कर विभिन्न सरकारी एजेंसियों के अधिकारी बनकर धमकियां दीं। युवक को वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क में रखा गया और उसे नए मोबाइल फोन और स्काई एप डाउनलोड करने के लिए मजबूर किया गया। इस दौरान उसे 8 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया, जिसमें वह मानसिक तनाव का शिकार हो गया।
आखिरकार, युवक के परिवार को शक हुआ जब उसने अपने पिता से नई चेक बुक के बारे में सवाल पूछा। परिवार ने समय रहते मामले का खुलासा किया और उसे इस डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया। अब परिजन ठगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की तैयारी कर रहे हैं।
डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का एक नया और खतरनाक तरीका बनता जा रहा है, जिसमें अपराधी वीडियो कॉल के जरिए लोगों को फंसा कर ब्लैकमेल करते हैं।